सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अब्बास को पिता मुख्तार अंसारी की प्रार्थना सभा में शामिल होने की इजाजत दे दी है। सुनवाई के दौरान अंसारी ने बेंच में शामिल जजों से निवेदन किया था कि पिता के मरने के बाद वह कभी भी अपने परिवार वालों से नहीं मिला है इसलिए परिवार और सगे-संबंधियों से मिलने के लिए 11 और 12 जून को उसे पिता की प्रार्थना सभा में शामिल होने की इजाजत दी जाए।

सुनवाई के दौरान अब्बास अंसारी के वकील निजाम पाशा ने अपना पक्ष रखते हुए ने कोर्ट से कहा कि 10 जून को याचिकाकर्ता के घर एक निजी प्रार्थना कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में याचिकाकर्ता के पारिवारिक सदस्य, सगे-संबंधी, घरेलू सहायक, पड़ोसी एवं नजदीकी दोस्त शामिल होंगे। कोर्ट ने अब्बास को उनके पिता की मजार पर जाने की भी इजाजत दे दी है।

मीडिया से बात करने पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को 13 जून को अंसारी को वापस कासगंज जेल लाने का निर्देश देते हुए कहा कि अब्बास की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी के DGP और जिला पुलिस की होगी। पुलिस के अलावा कोई भी दूसरा शख़्स हथियार लेकर आस-पास मौजूद नहीं रहेगा। अंसारी के बाहर होने के दौरान वह प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कोई बातचीत नहीं कर सकेंगे। अब्बास अंसारी इस दौरान कोई भाषण या राजनीतिक आयोजन में भी शामिल नहीं हो सकेंगे।

अवैध हथियार मामले में जेल में बंद है अब्बास

अब्बास अंसारी अवैध हथियार जमा करने के मामले में जेल में बंद हैं। पिछले साल नवंबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें यह कहते हुए जमानत देने से मना कर दिया था कि उनके नई दिल्ली वाले परिसर से भारी मात्रा में अवैध हथियार और ज्वलनशील पदार्थ पाए गए। जमानत होने के बाद अंसारी गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को पिता मुख्तार अंसारी के धार्मिक अनुष्ठान में ऑनलाइन माध्यम से शामिल होने की अनुमति दी थी। अनुमति देने के दौरान बेंच में शामिल जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विश्वनाथन ने यूपी सरकार को अब्बास अंसारी को ऑनलाइन माध्यम से जेल या जेल के बाहर किसी सुरक्षित जगह से मृतक पिता मुख्तार अंसारी के धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने कि व्यवस्था करने का आदेश दिया था।