Sultanpur Encounter Case: सुल्तानपुर की ज्वेलरी शॉप में हुई लूट की कोशिश और उसमें शामिल मंगेश यादव की एनकाउंटर के दौरान हुई मौत के चलते उत्तर प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है। विपक्ष इसे जाति देखकर हुई कार्रवाई बता रहा है, तो दूसरी ओर सत्तापक्ष पुलिस की कार्रवाई को न्यायोचित बता रहा है। इस मुद्दे पर सूबे के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बड़ा बयान दिया और कहा कि मंगेश यादव सुल्तानपुर लूट केस में शामिल था, जिसके खिलाफ पुलिस के पास सभी पर्याप्त सबूत हैं। डीजीपी ने कहा कि पुलिस कभी-भी जाति आधारित कार्रवाई नहीं करती है।
दरअसल, मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर मचे बवाल के बीच आज यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस मामले के एक-एक पहलू पर खुलकर बयान दिए। उन्होंने कहा कि मंगेश यादव के खिलाफ यूपी पुलिस के पास सभी पर्याप्त सबूत हैं। इस दौरान यह भी बताया गया कि लूट के लिए ज्वेलरी शॉप की दो बार रेकी भी की गई थी।
UP Police ने दी सारी जानकारी
यूपी पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि 28 अगस्त सुल्तानपुर के कोतवाली नगर क्षेत्र में दिन में 12:45 पर भारत ज्वैलर्स के यहां दिन-दहाड़े डकैती हुई थी। कार्रवाई बहुत ही निष्पक्ष, साक्ष्य के आधार पर हुई। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर यहां पर खुद बताएंगे। अब तक इस मामले में क्या विवेचना की गई है।
ADG LO अमिताभ यश ने बताया कि इस मामले में ज्वेलरी शॉप की 13 व 15 अगस्त को रेकी की गई थी, जिसके पुलिस के पास वीडियोज हैं। इसमें विपिन सिंह, फुरकान और गुर्जर घटना में थे। इस घटना में मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गई और बाइक चोरी करने की घटना मंगेश यादव ने की थी। इसमें मंगेश और बाकी लोग शामिल थे।
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दुकान के बाहर तैनान, भागने को थे तैयार
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आरोपी घटनास्थल पर बोलेरो से पहुंचे थे और इन लोगों ने जिस समय में ये घटना किया, वे सीधे डकैती में शामिल रहे थे। एडीजी अमिताभ यश ने कहा कि दुकान के अंदर घुसे थे फुरकान अनुज, अरबाज, मंगेश यादव और अंकित यादव इनके द्वारा घटना की गई। इसके अलावा विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद, विवेक और दुर्गेश यह लोग दुकान के आसपास घेराबंदी किए हुए थे ताकि कोई समस्या हो तो यह लोग फायर कर सके और डकैतों को पुलिस से बचाने में सफल हो सकें।
पुलिस ने बताया कि ये सभी आरोपी पुलिस पर फायर करने तक को तैयार थे, जिससे जरूरत पड़ने पर तुरंत भागा जा सके। यह सभी चीज सीसीटीवी फुटेज, टेक्निकल विश्लेषण में किया गया है, जो अपराधी गिरफ्तार हुए उनसे पूछताछ में यह सभी चीज क्लियर हुई है, इसमें पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर काम किया, और केस को सॉल्व किया गया।