Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के लाहौल स्पीति (Lahaul and Spiti) में बनी अटल टनल (Atal Tunnel) से यूपी की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की पट्टिका हटाने के मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार को संबंधित अधिकारी को पत्र लिखेगी। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने सीएम पद का कार्यभार संभालने के अगले ही दिन मंगलवार (13 दिसंबर, 2022) को अटल टनल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मुख्य सचिव को आदेश दिए कि यह मामला संबंधित प्राधिकारी के पास उठाया जाए और जल्द से जल्द यह पट्टिका पुनर्स्थापित हो।

साल 2020 में शिलान्यास पत्थर दोबारा गायब हुआ था, अब इसे फिर से स्थापित करने का आदेश दिया गया है। सोनिया गांधी ने 28 जून, 2010 को सुरंग के पास धुंडी में टनल के दक्षिण पोर्टल की आधारशिला रखी थी। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और दिवंगत केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह की उपस्थिति में शिलान्यास किया गया था।

वहीं, पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर, 2020 को सुरंग का उद्घाटन किया था। इससे पहले कथित तौर पर शिलान्यास पत्थर को हटा दिया गया था। इसके बाद लाहौल स्पीति जिले के तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष गयालचन ठाकुर ने 13 अक्टूबर, 2020 को पुलिस में पत्थर गायब होने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस का आरोप था कि बीजेपी ने शिलान्यास पत्थर हटाया। इसके बाद, 14 अक्टूबर, 2020 को पुलिस ने स्पष्ट किया था कि सोनिया गांधी द्वारा रखी गई आधारशिला सुरंग बनाने वाली निजी निर्माण कंपनी SAJV के पास सुरक्षित है।

शिलान्यास पट्टिका गायब होना लोकतंत्र का अपमान

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अटल टनल से शिलान्यास पट्टिका गायब है, जो लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति को 12 महीने संपर्क सुविधा बहाल रखने के दृष्टिगत 9.2 किलोमीटर लंबी टनल बनवाई गई है। सुक्खू ने कहा कि टनल के बारे में सबसे पहले देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सोचा था और तत्कालीन यूपीए सरकार ने ही इस टनल की आधारशिला भी रखी।