Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे और हमलों से निपटने के लिए विधायकों के साथ बैठक करने पर मंगलवार को सहमति व्यक्त की। राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में आवारा कुत्तों को लेकर तीखी बहस भी देखने को मिली। इस दौरान भोसरी से बीजेपी विधायक महेश लांडगे ने मांग की कि लोगों पर हमला करने वाले कुत्तों को ‘पकड़कर सीधे एनिमल लवर्स के घरों में छोड़ दिया जाना चाहिए। ताकि, उन्हें समस्या की गंभीरता का एहसास हो सके।’
इस मुद्दे को उठाते हुए शिवसेना यूबीटी विधायक सुनील प्रभु ने न केवल नागरिकों, बल्कि क्षेत्रीय दौरों के दौरान चुने गए प्रतिनिधियों के सामने भी बढ़ते खतरे की ओर इशारा किया। प्रभु ने शहरी विकास राज्य मंत्री माधुरी मिसाल से सवाल करते हुए कहा कि विधायक नियमित रूप से लोगों की शिकायतें सुनने के लिए हर गली और बस्ती का दौरा करते हैं।
शिवसेना यूबीटी विधायक ने किया सवाल
प्रभु ने कहा, “यदि किसी विधायक को ऐसे दौरे के दौरान कुत्ते ने काट लिया तो सरकार क्या कार्रवाई करेगी? पहले इसका जवाब दीजिए।”
जब कुछ सदस्य खुश दिखे, तो प्रभु ने कहा, “यह कोई मजाक नहीं है। रात में लोग बाहर नहीं निकल सकते, महिलाएं चलने से डरती हैं और ये कुत्ते हम पर हमला कर देते हैं। यह एक गंभीर मामला है।”
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एनिमल लवर्स को पीड़ित से ज्यादा कुत्ते से लगाव होता है- लांडगे
लांडगे ने प्रभु का समर्थन किया और पशु कल्याण कार्यकर्ताओं पर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए अपनी बात की। उन्होंने कहा, “कुछ एनिमल लवर्स ऐसे हैं जिन्हें काटे गए जानवरों के दर्द की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा, “उन्हें पीड़ित से ज्यादा कुत्ते से लगाव होता है और इनमें से ज्यादातर एनिमल लवर्स के घर में कोई पालतू जानवर भी नहीं होता।” उन्होंने कहा, “सरकार इन आवारा कुत्तों को उनके घर भेज दे। उन्हें पता चले कि कुत्ते के काटने पर कैसा महसूस होता है।”
चंद्रशेखर बावनकुल ने दोनों पक्षों को शांत करने के लिए कदम उठाया
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दोनों पक्षों को शांत करने के लिए कदम उठाया और आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि शहरी विकास मंत्री, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में एक बैठक सत्र की समाप्ति से पहले आयोजित की जाएगी। ताकि इसके लिए सही कदम उठाए जा सकें।
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