महाराष्ट्र के औरंगाबाद में किसानों को यूरिया मिलने में आ रही परेशानी के बीच प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भूसे ने खुद मामले में संज्ञान लिया। दरअसल किसान लगातार शिकायत कर रहे थे कि व्यापारी यूरिया गैरकानूनी रूप से एकट्ठा कर रहे हैं और ऊंची दरों पर बेच रहे हैं। इसपर कृषि मंत्री किसान बनकर एक व्यापारी की दुकान पर पहुंचे और रेड मारी।

मंत्री ने बताया कि व्यापारियों के खिलाफ किसानों की शिकायतें लगातार बढ़ रहीं थीं। इसलिए मैं निजी तौर पर किसान बनकर एक दुकान पर गया। व्यापारी ने दुकान में स्टॉक होने के बाद भी मना कर दिया। उसने कहा कि उसके पास कुछ नहीं है। मामले में खुलासा होने के बाद दादाजी भूसे ने कहा कि कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है। मंत्री द्वारा छापे मारने की जानकारी मिलने पर इलाके हड़कंप मच गया और कृषि विभाग के अधिकारी तुंरत दुकान (नवभारत फर्टिलाइजर्स) पर पहुंचे।

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भूसे ने बताया कि ये भी शिकायत मिल रही थी कि यूरिया के दाम एमआरपी से ज्यादा लिए जा रहे हैं। मामले में जब पड़ताल की गई तो किसानों की सारे शिकायतें सही पाई गईं। उल्लेखनीय है कि किसान बनकर पहुंचे कृषि मंत्री ने फौरन जिले के कृषि अधिकारी को बुलाया और तुरंत गोदाम की छानबीन करवाई। वहां करीब 1400 यूरिया के बैग पाए गए, जिसके बाद मंत्री ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।

इस दौरान कृषि मंत्री ने सभी व्यापारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों संग इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाएगा। किसानों को उचित दामों पर यूरिया मिलना चाहिए। यूरिया की कालाबाजारी किसी भी कीमत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले में जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।