गृह मंत्री राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे के बीच भी घाटी का माहौल शांत नहीं रह सका। कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार (24 अगस्त) को हिंसा हुई। इसमें 20 आम लोग जख्मी हुए हैं और एक की मौत हो गई। जिस शख्स की मौत हुई उसकी पहचान मोहम्मद अमीक मीर के नाम से हुई है। वह रतनिपुरा का रहना वाला था। सीआरपीएफ और लोगों के बीच हुए संघर्ष में उस शख्स की जान चली गई। मिली जानकारी के मुताबिक, वहां के कुछ लोग एक रैली करना चाहते थे। लेकिन फोर्स ने उसकी इजाजत ना देते हुए आसपास के रोड को ब्लॉक कर दिया। इसी पर स्थिति बिगड़ गई। फिर फोर्स को आंसू गैस, पेलेट का इस्तेमाल करना पड़ा। उसी दौरान मीर जख्मी हो गया और हॉस्पिटल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई।
वहीं राजनाथ सिंह बुधवार (24 अगस्त) को कश्मीर पहुंच गए। उनकी यह यात्रा दो दिन की है। इस दौरे पर राजनाथ सिंह कश्मीर में विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत करेंगे। सके लिए उन्होंने ‘कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत’ में यकीन रखने वाले सभी लोगों को आमंत्रित किया। कश्मीर रवाना होने से पहले उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं नेहरू गेस्टहाउस में रूकूंगा। जो कश्मीरियत, इंसानियत और जमहूरियत में यकीन रखते हैं उनका स्वागत है।’ अपने दूसरे ट्वीट में सिंह ने कहा, ‘नागरिक समाज समूहों, राजनीतिक दलों और अन्य पक्षों के साथ बातचीत करूंगा।’
राजनाथ सिंह गृह सचिव राजीव महर्षि के साथ कश्मीर पहुंचे हैं। वह कश्मीर के हालात की समीक्षा करेंगे। कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्षों में 65 लोग मारे जा चुके हैं और 8000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ विपक्षी दलों ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी। विपक्षी दलों का वह प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली आया था। मोदी ने कश्मीर की स्थिति को लेकर ‘गहरी चिंता और दुख व्यक्त’ किया था और जम्मू कश्मीर की समस्या का एक ‘स्थायी और दीर्घकालिक’ समाधान तलाशने के लिए सभी राजनीतिक दलों से एक साथ मिल कर काम करने का आह्वान किया था।

