श्रीलंकाई नौसेना ने 18 से 26 मार्च के बीच गिरफ्तार किए गए तमिलनाडु के 38 मछुआरों में से 18 को आज रिहा कर दिया। दोपहर में उन्हें भारत को सौंप दिया जाएगा। ‘क्यू’ शाखा के निरीक्षक केनेडी और सहायक निरीक्षक (मतस्य पालन) कुलंगैनाथन ने बताया कि श्रीलंका के नौसेना कर्मी अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर आज दोपहर 12 बजे उन्हें भारतीय तट रक्षक को सौंप देंगे। उन्होंने बताया कि मछुआरों को बाद में कराइकल ले जाया जाएगा जहां वे शाम चार बजे पहुंचेंगे। श्रीलंकाई नौसेना ने 21 मार्च को आईएमबील पार करने के आरोप में 10 मछुआरों को गिरफ्तार किया था जो कचैथीवु के पास मछली पकड़ रहे थे।
इसके बाद अगले ही दिन नागापट्टीनम और रामेश्वरम जिले से 16 मछुआरों को उसी आरोप में दो अलग-अलग घटनाओं में गिरफ्तार किया गया था। श्रीलंकाई नौसेना ने 26 मार्च को भी पुडुकोट्टई जिले के 12 मछुआरों को कथित तौर पर द्वीप राष्ट्र के समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
आपको बता दें कि बीते साल दिसंबर में श्रीलंका की नौसेना ने उसके जलक्षेत्र में कथित रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम ने श्रीलंका की ओर से राज्य के मछुआरों को लगातार गिरफ्तार करने की घटना पर केंद्र से इस संबंध में द्वीपीय देश को ‘‘कड़ा संदेश’’ देने की मांग की, जिसके एक दिन बाद यह गिरफ्तारी हुई थी। श्रीलंका के जलक्षेत्र में कथित रूप से मछली पकड़ने के आरोप में पुडुकोट्टई जिले से सात लोगों को उनकी नौका सहित कल गिरफ्तार किया गया और उन्हें कांगेसंतुरई बंदरगाह ले जाया गया था।
मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यहां के पामबन से मछुआरों के तीन समूह को नौसैनिकों ने तलाईमन्नार के तट पर मछली पकड़ने के आरोप में बीती रात गिरफ्तार किया और यहां के पुलिस थाना में हिरासत में रखा था।
रामेश्वरम मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक गोपीनाथ ने बताया कि दक्षिण सागर में प्रतिबंधित मछली पकड़ने के जाल के इस्तेमाल के आरोप में श्रीलंकाई अधिकारियों ने 20 मछुआरों को घेर लिया। ये मछुआरे मछली पकड़ने के लिए पामबन से दो मोटर नौकाओं और एक देसी नौका में निकले थे।