मध्य-प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हिंसा हुई थी और हिंसा के बाद मध्य प्रदेश सरकार आरोपियों पर बुल्डोजर कार्रवाई कर रही है। कई लोगों के मकान और दुकान तोड़े जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि यह मकान अतिक्रमण करके बने हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक मकान पर भी कार्रवाई की गई और उसे ढहा दिया गया। खरगोन के खसखसवाड़ी इलाके में जिला प्रशासन द्वारा ये कार्रवाई की गई।

दस्तावेज के अनुसार बिड़ला मार्ग पर स्थित घर हसीना फाखरू के नाम पर उनके पति की मृत्यु के बाद पंजीकृत किया गया था, जो पीएम आवास योजना के मूल लाभार्थी थे। 60 वर्षीय हसीना ने रोते हुए बताया कि, “सोमवार सुबह नगर निगम कर्मियों की टीम बुल्डोजर लेकर पहुंची। उन्होंने मुझे धक्का दिया और बाहर की दीवार पर ये मिटा दिया जहां लिखा था आवास योजना के तहत घर बनाया गया था और घर को मिनटों में ध्वस्त कर दिया।”

यह अवैध संपत्तियों के खिलाफ अभियान के तहत इलाके में जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए गए 12 घरों में से एक था। रविवार को हुई झड़प के बाद शहर के चार स्थानों पर कुल 16 घर और 29 दुकानें ध्वस्त की गई।

हसीना और उनके परिवार में कुल 7 लोग शामिल हैं जिसमें पांच बेटे और दो बेटियां शामिल हैं। हसीना के 35 वर्षीय बेटे अमजद खान (जो एक मजदूर के रूप में काम करते हैं) ने कहा कि, “2020 तक हम प्लॉट पर एक कच्चे घर में रहते थे। 2020 में जब आवास योजना के तहत मंजूरी मिली तो हमने पक्का घर बनाया। हमें सरकार से ढाई लाख रुपये मिले और मकान बनाने के लिए एक लाख रुपये और बचा कर रखे थे।”

जमीन की पुष्टि के लिए अमजद ने जो रिकॉर्ड पेश किए उनमें एक संपत्ति कर रसीद, तहसीलदार को एक आवेदन, एक पात्रता हलफनामा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक पत्र है जिसमें सीएम ने उन्हें पीएम आवास योजना का लाभार्थी होने पर बधाई दी है। परिवार के अनुसार हसीना को हिंसा से तीन दिन पहले 7 अप्रैल (गुरुवार) को नोटिस दिया गया था, जिसमें उनसे तीन दिनों के भीतर जमीन के स्वामित्व का विवरण देने या ध्वस्तीकरण का सामना करने के लिए कहा गया था।