Bihar Voter List Revision: ऐसा लगता है कि बिहार सरकार की अगुवाई कर रहा NDA वोटर लिस्ट रिवीजन Special Intensive Revision (SIR) के मामले पर कंफ्यूजन में है। एक ओर तो बीजेपी खुलकर SIR का समर्थन कर रही है और कह रही है कि चुनाव आयोग का यह कदम स्वागत योग्य है, इससे फर्जी वोटरों को चुनाव में वोटिंग करने का मौका नहीं मिलेगा। लेकिन उसकी सहयोगी JD(U) के एक सांसद ने इस मामले में बीजेपी से पूरी तरह अलग राय रखी है। JD(U) के इन सांसद का नाम गिरधारी यादव है।
गिरधारी यादव ने बुधवार को न्यूज़ एजेंसी ANI से SIR के मुद्दे पर बातचीत में कहा, ‘चुनाव आयोग को कोई व्यावहारिक ज्ञान नहीं है, आयोग बिहार का ना इतिहास जानता है ना भूगोल। बरसात के दिनों में जब खेती हो रही है… हमें कागजात का इंतजाम करने में 10 दिन लग गए। हमारा बेटा अमेरिका में रहता है वह कैसे दस्तखत करेगा।’
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चुनाव आयोग का तुगलकी फरमान
गिरधारी यादव ने कहा, ‘(SIR) जबरदस्ती हम पर थोप दिया गया है… करना था तो 6 महीने का वक्त दिया जाना चाहिए था, यह चुनाव आयोग का तुगलकी फरमान है।’ जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यह उनका व्यक्तिगत विचार है तो उन्होंने कहा, ‘यह मेरा स्वतंत्र विचार है लेकिन सच बात यही है, अब अगर सच्चाई भी हम नहीं बोल पाएंगे तो फिर हम सांसद क्यों बने हैं?’
बताना जरूरी होगा कि चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का काम शुरू किया था और 25 जुलाई तक इसे खत्म किया जाना है। बिहार में कुल 7.8 करोड़ मतदाता हैं। चुनाव आयोग ने 11 डॉक्यूमेंट जारी किए हैं और कहा है कि वोट डालने के लिए इनमें से किसी एक डॉक्यूमेंट का होना जरूरी है।
वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर चर्चा
JD(U) के सांसद गिरधारी यादव के बयान से समझ में आता है कि बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन का मुद्दा न सिर्फ विपक्ष को बल्कि सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को भी असहज कर रहा है। बिहार में जल्दी विधानसभा के चुनाव होने हैं और इससे पहले नीतीश सरकार के कामकाज पर चर्चा से ज्यादा वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर चर्चा हो रही है।
एनडीए के भीतर भी बेचैनी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ पटना में सड़क पर उतरे थे। विपक्ष का कहना है कि यह गरीब लोगों के वोट काटने की साजिश है। जब JD(U) के सांसद गिरधारी यादव खुलकर कैमरे पर इस बात को कह रहे हैं कि SIR को हम पर थोपा गया है तो यह समझ जा सकता है कि वाकई एनडीए में शामिल दलों के भीतर भी वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे को लेकर बेचैनी जरूर है।
संसद में हुआ जोरदार प्रदर्शन
चुनाव आयोग 1 अगस्त को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित करेगा और उसके बाद 30 सितंबर को इसका अंतिम प्रकाशन भी किया जाएगा। SIR के मुद्दे पर न सिर्फ बिहार विधानसभा बल्कि संसद में भी विपक्ष ने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया है।
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