उत्तर प्रदेश की एक विशेष अदालत ने राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर चल रहे एक 9 साल पुराने हेट स्पीच के केस को हटाने की मंजूरी दे दी है। मौर्या के साथ ही उनके चार समर्थकों को भी कोर्ट ने राहत दी है। यह केस उन पर 2011 में कौशांबी जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था। बताया जाता है कि तब भाजपा कार्यकर्ता रहे मौर्या ने एक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। मौर्या के अलावा उनके समर्थकों पर दूसरे समुदाय के युवा से मारपीट और उसके खिलाफ आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने के लिए केस दर्ज हुआ था।
राज्य सरकार ने 2018 में इन केसों को हटाने के लिए एक आदेश पारित किया था। इसके ठीक बाद ही मौर्या की तरफ से कोर्ट में केस रद्द करने की याचिका लगाई गई। शुक्रवार को 9 साल पुराने इस मामले में सुनवाई करते हुए स्पेशल जज बाल मुकुंद ने मौर्या और उनके चार साथियों पर से केस को हटाने की याचिका मंजूर कर ली।
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सरकार की ओर से पेश हुए वकील गुलाब चंद अग्रहरी ने बताया कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के साथ विभूति नारायण सिंह, जय चंद मिश्रा, यशपाल केसरी और प्रेम चंद चौधरी के खिलाफ केस हटा लिया गया है। ये सभी लोग अब तक जमानत पर बाहर थे। अग्रहरी के मुताबिक, 2011 के वे प्रदर्शन सरकार की नीतियों के खिलाफ किए गए थे। प्रदर्शन के दौरान ही आरोपियों ने पास से जा रहे एक युवक पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जब युवक ने इस पर नाखुशी जाहिर की, तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की। हालांकि, पुलिस टीम के आते ही मामला सुलझ गया था। इस मामले में आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत 5 लोगों पर केस दर्ज हुए थे। इनमें देवेंद्र सिंह चौहान नाम के एक आरोपी की 2015 में मौत हो चुकी है।