UP News: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वो इस समय दिल्ली के यूपी भवन में आराम कर रहे हैं। मुरादाबाद के सपा के सांसद एसटी हसन ने आजम खान से मुलाकात की है। जब एक न्यूज चैनल ने एसटी हसन से आजम खान के बारे में पूछा कि वो अब कैसे हैं तो उन्होंने बताया कि जिस इंसान पर 100 मुकदमें चल रहे हों वो कैसा होगा? एसटी हसन ने बताया, ‘आजम भाई कमजोर हो गए हैं लेकिन उनकी सेहत में अब सुधार हो रहा है। अब वो बेहतर हैं और हमारी अल्लाह से यही दुआ है कि अब वो बिलकुल तंदरुस्त हो जाएं।’

सपा सांसद ने आगे कहा, ‘वो सिर्फ हमारे नेता ही नहीं हैं हमारे सरपरस्त हैं, हमारे बड़े भाई हैं। हम जो कुछ भी हैं अल्लाह के बाद उन्हीं की वजह से हैं। आजम भाई की एक आरटी खराब थी उसमें स्टंट डाल दिया गया है और सेहत तो जाहिर है कि अगर एक इंसान के ऊपर इतनी टेंशंस हो, जो 100 मुकदमें झेल रहा हो तो सेहत कैसे उनकी बनेगी? हमारे और आपके ऊपर अगर एक मुकदमा भी हो जाए तो रात को नींद नहीं आती है। हमारी तो परवरदिगार से यही दुआ है कि उनकी सारी परेशानियों को अल्लाह पाक दूर कर दे और वो मुकम्मल तौर से सेहतयाब हो जाएं।’

‘सच्चाई के साथ रहो और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाओ यही आजम भाई का संदेश’

जब उनसे ये पूछा गया कि क्या आजम खान ने कोई संदेश दिया पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए क्योंकि रामपुर और मुरादाबाद दोनों ही सटे हुए क्षेत्र हैं? इस सवाल के जवाब में सपा सांसद ने कहा, ‘देखिए आजम भाई का तो हमेशा से यही संदेश रहा है कि सच्चाई के साथ रहो, नाइंसाफी और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाओ यहीं उनका मुख्य संदेश हैं अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए। ‘

मदरसों के सर्वे को लेकर कही ये बात

वहीं सपा सांसद ने इस सवाल के जवाब में कि कब तक रामपुर में अपने लोगों के बीच पहुंच जाएंगे आजम खान? सपा सांसद ने कहा, ‘ये तो मैं नहीं बता सकता क्योंकि ये तो जो उनके डॉक्टर इलाज कर रहे हैं वो ही बता पाएंगे।’ वहीं जब मदरसों के सर्वे पर एसटी हसन से सवाल पूछा गया तो उन्होंनें कहा, ‘मदरसों का सर्वे अगर अच्छी नीयत से हो रहा है और मैलेफाइड इंटेंशन से नहीं हो रहा है, मदरसों को अपग्रेड करने के लिए हो रहा हैस, मदरसों के टीचर्स को वही सुविधाएं देंगे जो स्कूलों के टीचर्स को दी जा रही हैं तो हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन अगर गलत नीयत से किया जा रहा है तो फिर हम इसका विरोध करेंगे। हमें मालूम है कि 50 महीने से उन मदरसों के टीचर्स को वेतन नहीं मिले हैं। उन्हें सिर्फ पांच महीने की तनख्वाह दे दी गई बाकी रोक दी गई। वो महज 8 हजार से 12 हजार रुपये।’