उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में फरवरी 2022 के दौरान हुए जहरीली शराब कांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक बाहुबली सपा विधायक रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) के विधानसभा क्षेत्र में शराब विधायक के भांजे रंगेश के ठेके से बेची गई थी, लेकिन इस कांड का असली खिलाड़ी खुद रमाकांत यादव है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि उसी के संरक्षण में यह कारोबार चल रहा था। पुलिस ने सबूतों के आधार पर रमाकांत यादव का नाम मुकदमे में शामिल कर लिया है। अब इस मामले में कुल 14 आरोपी हैं, पुलिस ने इस मामले में 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें विधायक रमाकांत यादव का भांजा रंगेश यादव भी शामिल है।
रमाकांत यादव ही शराब कांड के मास्टरमाइंड: जांच शुरू होने के पहले तक रंगेश को ही इसका मास्टरमाइंड माना जा रहा था। इस बीच जांच के दौरान पुलिस के हाथ कुछ ऐसे सबूत लग गए जिसके आधार पर इस बात की पुष्टि हो गई कि भांजा रंगेश नहीं बल्कि रमाकांत यादव ही जहरीली शराब कांड के मास्टरमाइंड हैं। जिसके बाद कोर्ट में रमाकांत को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने अर्जी लगाई गई थी, जिस पर शनिवार को पुलिस को 14 दिनों की रिमांड भी मिल गई।
सात मुकदमे दर्ज: बाहुबली रमाकांत यादव वर्तमान में फूलपुर-पवई विधान सभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। इसके पहले वह पांच बार विधायक और चार बार आजमगढ़ सीट से सपा, बसपा और भाजपा के टिकट पर सांसद भी चुने जा चुके हैं। रमाकांत यादव बाहुबली नेता के रूप में जाने जाते हैं। वर्तमान में उन पर कुल सात मुकदमे दर्ज हैं।
जिसमें पवई और दीदारगंज थाने का घेराव, अंबारी चौक पर फायरिंग, सरायमीर थाने में दर्ज एससी-एसटी का मामला, फूलपुर तहसील का घेराव और तहबरपुर, पवई थाने में चुनाव आयोग की तरफ से दर्ज दो मामले शामिल हैं। हाल ही में रमाकांत को चुनाव आयोग वाले मामले में जमानत मिल गई लेकिन फूलपुर तहसील घेराव और अंबारी चौक पर फायरिंग की घटना मामले में जमानत अर्जी निरस्त कर दी गई। वहीं, अब उनका नाम माहुल जहरीली शराब में मास्टरमाइंड के रुप में चिन्हित कर लिया गया है।
बाहुबली रमाकांत यादव अपने बयानों को लेकर भी अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। मार्च में उन्होंने कहा था कि वह होली नहीं मनाते हैं, ये उनका त्योहार नहीं है। इससे पहले फूलपुर पवई उपचुनाव में उनके बेटे अरुणकांत को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था, वहीं सपा ने रमाकांत यादव को टिकट दिया था।