सीएम योगी के चुनाव लड़ने के ऐलान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसकर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि बाबा जा रहे हैं, इलेक्शन में ना उतरें।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि समाजवादी पार्टी तय करेगी, और मैदान में जब चुनाव होगा… तो चुनाव में होंगे मैदान में। इसके साथ ही अखिलेश ने एक बार फिर से जातिगत जनगणना का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा- समाजवादी पार्टी हमेशा से कहती रही है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। पिछड़ों की भी जातिगणना हो, कम से कम पता लगे कि कौन कितनी जाति का है।
इस दौरान सपा प्रमुख ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी, सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू से करने के अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि भाजपा को इतिहास की किताबें फिर से पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा- “मुझे संदर्भ की व्याख्या क्यों करनी चाहिए? बीजेपी को इतिहास की किताबें दोबारा पढ़नी चाहिए”। इससे पहले यूपी सीएम योगी ने संवाददाताओं से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- “मैंने हमेशा चुनाव लड़ा है और पार्टी जहां कहेगी, वहीं से लड़ूंगा।”
हरदोई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सपा नेता ने कहा था- “सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मुहम्मद अली जिन्ना एक ही संस्थान में पढ़े और बैरिस्टर बने। उन्होंने आजादी दिलाने में मदद की और कभी किसी संघर्ष से पीछे नहीं हटे”। अखिलेश के इस बयान पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिन्ना का महिमामंडन करने के लिए अखिलेश से माफी की मांग की थी।
अखिलेश के इसी बयान पर उत्तर प्रदेश के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने शनिवार को कहा कि अखिलेश यादव का मुहम्मद अली जिन्ना का महिमामंडन करने के लिए नार्को टेस्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा- “सपा प्रमुख अखिलेश यादव का मुहम्मद अली जिन्ना पर बयान देना कोई सामान्य घटना नहीं है। जिन्ना देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार हैं। जिन्ना एक खलनायक हैं, जिन्हें कोई भी भारतीय देखना या सुनना नहीं चाहेगा”।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए। किस दबाव, लालच में वह जिन्ना का महिमामंडन कर रहे हैं? मैं चाहता हूं कि अखिलेश यादव खुद आगे आएं और अपना नार्को टेस्ट कराएं। उन्होंने आगे कहा कि जिन्ना की तारीफ करने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए।