केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के फर्जी सिग्नेचर करने के आरोप में एक डेंटल सर्जन को सुल्तानपुर की स्थानीय अदालत के आदेश के बाद गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी स्मृति ईरानी के सहयोगी विजय गुप्ता द्वारा दर्ज शिकायत के बाद हुई है। डॉक्टर पर आरोप है कि उसने इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह की महिला आयोग में सदस्य के रूप में नियुक्ति से जुड़े एक दस्तावेज पर फर्जी हस्ताक्षर किए थे।

विजय गुप्ता ने अमेठी के मुसाफिर खाना थाने में एक शिकायत दर्ज कराते हुए वर्तिका और कांग्रेस के पूर्व सांसद कमल किशोर के खिलाफ छवि खराब करने का आरोप लगाया था। दरअसल, वर्तिका सिंह द्वारा यह दावा किया गया था कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नाम पर उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग में सदस्य के रूप में नियुक्ति का आश्वासन दिया गया था। इसके एवज में 25 लाख रुपये वसूले भी गए थे।

नियुक्ति नहीं हुई तो सोशल मीडिया पर इसके दस्तावेज जारी कर दिए गए। पुलिस द्वारा जब इस मामले की जांच की गई तो पाया कि वर्तिका सिंह ने पूर्व सांसद की मदद से जो दस्तावेज दिखाए थे वह डेंटल सर्जन डॉक्टर रजनीश कुमार द्वारा तैयार किए गए थे।

पुलिस द्वारा वर्तिका सिंह और डॉक्टर के खिलाफ जालसाजी का आरोप पत्र दायर किया गया। इधर गिरफ्तारी से पहले डॉक्टर फरार हो गया था। पुलिस ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो शुक्रवार की शाम रजनीश ने आत्म समर्पण कर दिया। पुलिस ने बताया कि अब उसकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी।

इधर वर्तिका सिंह द्वारा भी एक याचिका दायर की गई है। जिसमें उन्होंने खुद को भी एक पीड़िता बताया है। कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर रजनीश को 17 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।