26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर जहां पूरी दुनिया देश की नारी शक्ति देख रही थी वहीं राष्ट्रपति से सम्मानित एक महिला के साथ चलती ट्रेन में छेड़छाड़ हो रही थी। मामला छत्तीसगढ़ का है। यहां साउथ बिहार एक्स्प्रेस में गरीबों का मसीहा नाम से मशहूर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित महिला पुलिस कॉन्स्टेबल स्मिता टांडी के साथ एक सख्स छेड़खानी कर रहा था। अपने साथ छेड़-छाड़ पर स्मिता ने ट्वीट कर आरपीएफ और लोगों से मदद की गुहार लगाई। आरपीएफ ने भी मुस्तैदी दिखाते हुए छेड़खानी के आरोपी शख्स को धर दबोचा। दरअसल हुआ ये कि स्मिता तांडी बिलासपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंची थी। वहां से वापसी में उन्होंने साउथ बिहार एक्स्प्रेस पकड़ी। स्मिता जनरल बोगी में सवार थीं। उसी बोगी में खुद को असिस्टेंट प्रोफेसर बताने वाला आरोपी भी सवार था। जैसे ही ट्रेन स्टेशन से चली प्रोफेसर ने स्मिता तांडी के साथ बदतमीजी शुरू कर दी थी। पहले तो स्मिता ने इग्नोर करना शुरू किया। लेकिन, जब अपनी हरकतों से प्रोफेसर बाज नहीं आया तो फिर स्मिता तांडी ने ट्वीट कर मदद मांगी। कुछ ट्वीट के जरिए स्मिता ने ना सिर्फ घटना का अपडेट दिया बल्कि ये भी बताया कि उस वक्त ट्रेन कहां थी। मदद मांगने के लिए स्मिता ने भाटापारा आरपीएफ से संपर्क भी किया।
साउथ बिहार एक्सप्रेस में मेरे साथ बदतमीजी हो रही है , यह ट्रेन अभी तिल्दा पहुचने वाली है, ट्रेन की गंरल बोगी में… https://t.co/04q7dsZEgd
— Smita Tandi (@SmitaTandi) January 26, 2018
मेरे साथ ट्रेन में बदतमीजी हो रही है साउथ बिहार एक्सप्रेस में, यह ट्रेन थोड़ी देर में भाटापारा पहुचने वाली है,… https://t.co/lw7v5hx7yF
— Smita Tandi (@SmitaTandi) January 26, 2018
अभी परिस्थिति सामान्य हो चुकी है, अगली अपडेट आपको जल्द ही दी जायेगी…. Post by Team Jivandeep
— Smita Tandi (@SmitaTandi) January 26, 2018
स्मिता के ट्वीट को आरपीएफ ने बेहद ही गंभीरता से लिया। जैसे ही ट्रेन भाटापारा पहुंची आरपीएफ की टीम वहां पहले से मौजूद थी। स्मिता की शिकायत के बाद आरोपी अस्टिटेंट प्रोफेसर को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि उसके रोने गिड़गिड़ाने के बाद स्मिता ने एफआईआर दर्ज नहीं कराया।

आपको बता दें कि सोशल मी़डिया के जरिए गरीब मरीजों का इलाज कारवाने वाली पुलिस कॉन्स्टेबल स्मिता तांडी को दो साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित किया था। स्मिता तांडी छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत हैं। वे जीवनदीप समूह बनाकर जरूरतमंदों को इलाज उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही हैं। फेसबुक पर उनके आठ लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
