शुक्रवार (22 अप्रैल) को पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का आकार सबसे छोटा दिखेगा। इस घटना को ‘मिनी मून’ कहते हैं, जो 15 वर्ष के बाद दोबारा होगा। गुरुवार रात भारतीय समयानुसार करीब नौ बजकर 35 मिनट पर चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा के दौरान सबसे अधिक दूरी पर होगा, जो कि पृथ्वी से करीब 406350 किलोमीटर की दूरी होगी। औसतन चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 384000 किलोमीटर है।

कोलकाता स्थित एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देवीप्रसाद दुआरी ने कहा कि चंद्रमा पृथ्वी से अपने सबसे अधिक दूरी के बिंदु से बहुत नजदीक होगा। इसलिए इसका आकार औसत पूर्णिमा के चांद से छोटा होगा। हालांकि आम लोग मिनी मून घटना नहीं देख पाएंगे। क्योंकि यह शुक्रवार पूर्वाह्न 10 बजकर 55 मिनट पर होगा। हालांकि रात के समय ‘मिनी मून’ का प्रकाश आम पूर्णिमा के दिन से कम होगा। अगली बार 10 दिसंबर, 2030 को चंद्रमा पृथ्वी से शुक्रवार के मुकाबले ज्यादा दूर होगा। इसके विपरीत जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक होता है उसे सुपरमून कहा जाता है और शुक्रवार का चंद्रमा सुपरमून के चंद्रमा से 14 फीसद छोटा होगा।