उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग की तीन सदस्यीय कमेटी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर प्रदेश के सभी मदरसों में शैक्षिक कामकाज के लिए उर्दू के साथ-साथ हिंदी के प्रयोग की मांग रखी है। इस संबंध में उन्होंने सीएम को एक पत्र भी लिखा। आयोग के सदस्य रूमाना सिद्दीकी, परविंदर सिंह और कुंवर इकबाल ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने मदरसों का दौरा किया था। उस दौरान रजिस्टरों में काफी विरोधाभास मिला। बीजेपी की अल्पसंख्यक शाखा की अध्यक्ष रूमाना ने बताया कि आयोग में उर्दू ट्रांसलेटर्स मौजूद हैं, दौरे के वक्त वे हमारे साथ नहीं जाते हैं। ऐसे में हमें मदरसों की पड़ताल करने में दिक्कत होती है।

उन्होंने बताया, ‘‘विभिन्न जिलों में मान्यता और सहायता प्राप्त मदरसों के दौरे में उन्हें कई विसंगतियां मिलीं। मदरसों के रजिस्टर में नाम उर्दू में लिखे होते हैं, जिसके चलते टीम के सदस्य टीचर्स और स्टूडेंट्स के नाम नहीं पढ़ पाते हैं।’’ रूमाना ने आशंका जताई कि ऐसे में स्टूडेंट्स और टीचर्स के नाम फर्जी भी हो सकते हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि मदरसों में शैक्षिक कामकाज को उर्दू के साथ-साथ हिंदी में भी दर्ज किया जाए।