उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार (तीन दिसंबर) को कथित तौर पर गोमांस मिलने के बाद जमकर बवाल कटा। गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाने के बाहर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की। घटना के दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पुलिस चौकी व वहां खड़े वाहनों को क्षति पहुंचाई गई। जिलाधिकारी अनुज झा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि घटना में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की जान चली गई। शुरुआती जांच के मुताबिक, उनकी मौत सिर पर कोई नुकीली चीज लगने से हुई। वहीं, सुमित नामक स्थानीय की भी जान इस हिंसा में चली गई। वह फायरिंग के दौरान गोली का शिकार हुआ था। शाम को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि खेत से संभावित गोमांस मिलने के बाद लोग प्रदर्शन कर रहे थे।

स्याना क्षेत्र स्थित गांव के एक खेत से लोगों को कथित तौर पर गोमांस मिला था। लोगों को जब इस बारे में पता लगा तो उन्होंने चिंगरवाठी चौक पर जाम लगाकर हंगामा काटा। सूचना पर पुलिस उन्हें वहां से हटाने गई, तभी दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। भीड़ के उग्र होने पर पुलिस ने उन पर लाठियां भांजी। इसी हिंसा के बीच सुबोध व सुमित की जान गई थी। मामले की जानकारी पर डीएम, एसएसपी समेत कई थानों का पुलिस बल समेत डीआइजी मेरठ जोन भी घटनास्थल पर पहुंचे थे।

सुबोध कुमार सिंह। (फोटोः टि्वटर/@Interceptor)

हालांकि, यूपी एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने कहा था कि हालात काबू में हैं। आगजनी सुबह करीब 11 बजे हुई थी, जिसमें शुरुआती जांच के अनुसार इंस्पेक्टर की जान सिर पर पत्थर लगने से गई। कुमार ने आगे कहा, “लोगों ने खेत से गोवंश का मांस बरामद होने को लेकर शिकायत की थी। उन्होंने उसे ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रखकर सड़क जाम कर दी थी। अचानक से उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों को लाठी चार्ज करना पड़ा।”

उनके आगे बताया- कथित गोकशी के बाद पथराव में थाना प्रभारी और एक अन्य की मौत के मामले की जांच एडीजी इंटलीजेंस को सौंपी गई है। वह 48 घंटे के अंदर अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेंगे। हिंसा के मामले में पुलिस महानिरीक्षक मेरठ की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन हुआ है। जिलाधिकारी ने इसके अलावा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। बुलंदशहर में घटना के बाद अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया, जबकि स्थिति नियंत्रण में बताई गई।

पीटीआई के अनुसार, घटना की वजह से इलाके में लगभग तीन घंटों तक हालात तनावपूर्ण रहे। प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की, जिसमें 500 आरएएफ और 600 पीएसी के जवान मुस्तैद किए गए।