साल 2018 में यूपी वेस्ट के स्याना में हुए बवाल में नामजद सचिन अहलावत को यूपी बीजेपी ने बीबी नगर मंडल का अध्यक्ष नियुक्त किया है। 38 साल का सचिन अहलावत उन 31 मंडल अध्यक्षों में शामिल है, जिनके नाम पिछले हफ्ते बीजेपी ने घोषित किए थे। वह इस समय जमानत पर जेल से बाहर है। सचिन अहलावत पर जो आरोप दर्ज हैं, उनमें दंगा करने और पब्लिक सर्वेंट को उसका कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए हमला करना शामिल है। इस बवाल में स्याना के SHO सुबोध कुमार सिंह सहित दो लोगों की जान चली गई थी
अपने ऊपर आरोपों पर क्या बोले सचिन अहलावत?
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सचिन अहलावत ने कहा कि उन्हें गलत फंसाया गया है। सचिन ने कहा, ”मैं घटना स्थल पर यह जानने के लिए पहुंचा था कि मेरे गांव में क्या चल रहा है। उस समय मैं बीजेपी स्याना मंडल का सचिव था। मैं कुछ दूरी पर खड़ा होकर प्रदर्शन देख रहा था और कुछ लोग वीडियो बना रहे थे। पुलिस ने मेरे ऊपर मामला दर्ज किया क्योंकि मैं तस्वीरों में दिखाई दे रहा हूं। मेरी तरह मेरे गांव के लोगों पर भी ऐसे ही फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं।”
सचिन आगे कहते हैं, ”मेरे खिलाफ यह एकमात्र मामला है। इसकी वह से मुझे काफी परेशान रहना पड़ा। मुझे बीबी नगर मंडल का अध्यक्ष मेरे कड़े परिश्रम और बीजेपी से मेरे लंबे समय से जुड़े रहने की वजह से बनाया गया है।”
यह भी आरोप लगाया जाता है कि स्याना हिंसा में सचिन अहलावत ने ही फोन करके बजरंग दल के संयोजक योगेश राज को बुलाया था और उसे गांव में हुई गो हत्या के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद ही वहां भीड़ जुटनी शुरू हुई और फिर बवाल हो गया। हालांकि सचिन इस आरोप को गलत बताते हैं। वह कहते हैं, ”घटना वाले दिन एक पुलिसकर्मी ने मुझसे मेरे फोन मांगा तो मैंने दे दिया। उसने योगेश राज को कॉल कर उससे बात की। अब कोई यह मानने को तैयार नहीं है।
‘सचिन पर मर्डर के आरोप नहीं’
सचिन के वकील अशोक डागर के अनुसार, फाइल की गई चार्जशीट में 44 लोगों के नाम हैं। वह बताते हैं कि इन में से छह पर मर्डर के आरोप हैं। सचिन पर मर्डर का आरोप नहीं है। उन्होंने बताया कि अभी ट्रायल केस चल रहा है और अभी तक चार चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए हैं। बेल से पहले सचिन अहलावत जेल में तीन महीने गुजार चुका है।
BJP ने क्या कहा?
बुलंदशहर के बीजेपी जिला अध्यक्ष विकास चौहान ने भी सचिन अहलावत का बचाव किया। उन्होंने कहा कि फोटो और वीडियो की वजह से पुलिस ने सचिन अहलावत का नाम एफआईआर में शामिल किया। सचिन सिर्फ घटना स्थल पर मौजूद था। वह कोई प्रोफेशनल क्रिमिनल नहीं है और उसके खिलाफ कोई मामला भी नहीं है। उन्होंने बताया कि सचिन एक दशक से पार्टी से जुड़ा हुआ और काम कर रहा है। उन्हें मंडल अध्यक्ष बनाए जाने पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। इस बारे में जानने के लिए जब इंडियन एक्सप्रेस में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को कॉल की तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।
