माफिया मुख्तार अंसारी ही नहीं उसके विधायक अब्बास अंसारी की मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार (29 अगस्त) को मऊ सदर से विधायक और मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी की आर्म्स केस में अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मुख्तार के परिवार के 6 लोगों के खिलाफ इस वक्त 80 मामले चल रहे हैं।

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मुख्तार अंसारी लगभग 17 सालों से जेल में बंद है और इस दौरान कथित तौर पर जेल से ही अपना गैंग ऑपरेट को लेकर सुर्खियों में रहा है। पिछले दो सालों में मुख्तार और उसके परिवार के सदस्यों (पत्नी, बेटा, भाई और करीबी सहयोगी) को कई आपराधिक मामलों का सामना करना पड़ा है। इनमें से सात मामले अंसारी के खिलाफ दर्ज हैं, दो उसकी पत्नी अफ्शा के खिलाफ, चार बड़े बेटे अब्बास के खिलाफ, दो मामले छोटे बेटे उमर के खिलाफ और दो मामले मुख्तार के दो साले आतिफ रजा उर्फ ​​शरजील रजा और अनवर शहजाद के खिलाफ दर्ज हैं।

उमर अंसारी को छोड़कर, अन्य सभी फरार हैं और उन्हें अदालतों ने सभी को भगोड़ा घोषित किया हुआ है। यूपी पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, अंसारी के खिलाफ कुल 59 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 20 मामले तब दर्ज किए गए जब वह जेल में था। इनमें से चार हत्या के मामले और सात यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज हैं।

ईडी ने भी दर्ज किया है केस

यूपी पुलिस के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। दो हफ्ते पहले ईडी ने गाजीपुर से बसपा सांसद मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी से जुड़े एक परिसर में छापेमारी भी की थी।

यूपी सरकार ने मुख्तार अंसारी, उसके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों की 448.98 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। सरकार ने निर्माण में अनियमितताओं का हवाला देते हुए गाजीपुर जिले में परिवार के स्वामित्व वाले एक होटल को भी ध्वस्त कर दिया था। मऊ में एक सांप्रदायिक दंगा मामले में सरेंडर करने के बाद से अंसारी अक्टूबर 2005 से जेल में है, इन दंगों में सात लोगों की मौत हो गई थी।