राउरकेला में गिरफ्तार किए गए सिमी के चार कार्यकर्ताओं से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि इनके स्थानीय संपर्क थे, जिन्होंने इन लोगों को किराये पर मकान दिलवाए थे और रहने में मदद की थी। तेलंगाना पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान के दौरान इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक की मां को भी पकड़ा गया। इन्होंने कानूनी मदद लेने से इनकार किया है।

पांच लोगों को सात दिन की हिरासत में भेजे जाने के बाद अपराध शाखा के महानिरीक्षक अरुण कुमार बोथरा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय एसटीएफ टीम राउरकेला पहुंची। एसटीएफ ने पांचों की 30 दिनों की हिरासत की मांग करते हुए स्थानीय अदालत का रुख किया। पांचों आरोपी कई राज्यों में कई अपराधों में संलिप्त रहे हैं। अपराध शाखा के विशेष महानिदेशक बीके शर्मा ने कहा-‘हमारे लोगों ने राउरकेला में पांचों से पूछताछ शुरू कर दी है। हम राज्य में उनकी गतिविधियों की और राज्य में रहने में उनकी मदद करने वाले व उनके लिए जाली दस्तावेज की व्यवस्था करने वाले उनके सहयोगियों का पता लगाना चाहेंगे।’

शुरुआती जांच से पता चला है कि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों के स्थानीय संपर्क थे जिन्होंने उनके लिए किराये पर घरों की व्यवस्था की और उनकी राज्य में रहने में मदद की। उन्होंने राउरकेला के अलावा कुछ समय के लिए भद्रक जिले में भी ठिकाना बनाया था। शर्मा ने कहा कि हम पता लगाना चाहेंगे कि वे किस अपराध में शामिल हैं और राज्य में उनकी क्या योजनाएं थीं। तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे अलग अलग राज्यों की पुलिस राउरकेला में आश्रय लेने वाले पांच लोगों से पूछताछ कर सकती हंै। उन्होंने कहा कि एसटीएफ दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ सूचना साझा करना चाहेगी। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान मोहम्मद एजाजुद्दीन, अमजद खान, जाकिर हुसैन और महबूब गुड्डू के तौर पर की गई है। मोहम्मद एजाजुद्दीन, मोहम्मद असलम, अमजद खान, जाकिर हुसैन सादिक, महबूब गुड्डू के साथ फैजल और एक अन्य कैदी मध्य प्रदेश में खंडवा के जिला कारागार की 14 फुट ऊंची दीवार को लांघ कर फरार हो गए थे।