पंजाब चुनाव को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के नई पार्टी न बनाने और उचित गठबंधन तलाश करने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने आवाज-ए- पंजाब मोर्च पर निशाना साधा है। आप ने कहा कि सिद्धू के नेतृत्व वाला मोर्चा “बेहतर सौदे के लिए मोलभाव” करता हुआ प्रतीत हो रहा है। वहीं, कांग्रेस की ओर से कहा गया कि अगर दोनों (आवाज-ए-पंजाब और कांग्रेस) का एजेंडा मिलता है तो वह उनका स्वागत करेगी। बता दें कि सोमवार को सिद्धू के गठबंधन की ओर से संकेत आया था कि वह चुनाव से पहले कांग्रेस समेत विपक्षी पर्टियों के साथ गठबंधन कर सकते हैं। हालांकि मोर्चे ने चौथे मोर्चे में शामिल होने की संभावना से इंकार किया था।
आप के पंजाब ईकाई के संयोजक गुरप्रीत सिंह घुग्गी ने कहा कि सिद्धू के मोर्चे के एलान को राजनीतिक बयान करार देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि आवाज-ए-पंजाब बेहतर सौदे के लिए दो राजनीतिक पार्टियों के साथ मोलभाव कर रहा है। वे लोग यह देखना चाहते हैं कि कौन पार्टी उन्हें ज्यादा महत्व दे रही है। वहीं पंजाब कांग्रेस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी आवाज-ए-पंजाब के प्रतिनिधियों के संपर्क में नहीं है। उन्होंने हालांकि कहा कि अगर उनका न्यूनतम साझा कार्यक्रम हमारे कार्यक्रम में फिट बैठता है तो हम उनका स्वागत करेंगे।
सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू के मोर्च आवाज-ए-पंजाब ने चुनाव से पहले पंजाब में कांग्रेस या आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया था। आवाज-ए-पंजाब के सदस्य और निर्दलीय विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था कि उनका मोर्चा आप या कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकता है। उन्होंने कहा कि सिद्धू और बैंस विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ संपर्क में है। बता दें कि आवाज-ए-पंजाब के संस्थापक सदस्य नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले हफ्ते बादल और अमरिंदर सिंह पर तीखा हमला करते हुए उनके गठजोड़ को पंजाब से उखाड़ फेंकने की बात कही थी।
हाल ही में भाजपा के पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने एलान किया था कि वह पंजाब का आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे, क्योंकि वह सरकार विरोधी वोटों को बांटकर ‘खेल खराब करने वाला’ नहीं बनना चाहते हैं। विधायक परगट सिंह, लुधियाना से विधायक सिमरजीत सिंह और बलविंदर बैंस के साथ सिद्धू ने हाल ही में आवाज-ए-पंजाब की स्थापना की घोषणा की थी।
