सोमवार को जहां बीजेपी और शिवसेना के बीच लोकसभा सीटों पर समझौता हो रहा था वहीं शिवसेना अपनी पुरानी साथी बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि भारतीय जनता पार्टी पुलवामा हमले का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है। शिवसेना के इस रुख से साफ है कि लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने के बावजूद वह बीजेपी के सामने घुटने नहीं टेक रही है और अपने बगावती रुख पर आगे भी कायम रह सकती है।
सामना में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ‘पुलवामा हमले का बदला लेने के नाम पर वोट मांगना जवानों की शहादत पर सियासी लाभ लेने जैसा है। ऐसे में इस बात का जवाब भी जरूरी है कि पिछले साढ़े चार सालों में समस्या हल क्यों नहीं हुई?’ गुरुवार को पुलवामा के अवंतीपुरा में हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह घटना जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर उस समय हुई जब सीआरपीएफ के करीब ढाई हजार जवानों का काफिला कूच कर रहा था।
संपादकीय में यह भी लिखा है, ‘साढ़े चार साल में यह कोई पहला हमला नहीं है। यह वक्त किसी को दोष देने का नहीं है। यह वक्त सरकार के साथ खड़े होने का है ताकि जवानों का मनोबल ऊंचा हो सके। भले ही सरकारें भूल जाए लेकिन लोग नहीं भूलते। लोगों ने कांग्रेस की सरकार के दौरान दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने भाषणों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल उठाया है और उन्हें उनकी कही बातें याद दिलाई है।’
गौरतलब है कि सोमवार की शाम को ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साथ-साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सीटों का बंटवारा किया गया। इसके तहत 48 लोकसभा सीटों वाले देश के इस दूसरे सबसे बड़े राज्य में 25 पर बीजेपी और 23 पर शिवसेना लड़ेंगी।

