समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन करने वाले शिवपाल यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी के सपा से गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने बार-बार इस तरह विलय की अफवाह फैलाने पर भी कड़ा रुख अपनाया और कहा कि सपा के साथ उनके मिलने की सारी संभावनाएं अब खत्म हो चुकी हैं।

मुद्दों के आधार पर गठबंधन संभव: सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार (4 अक्टूबर) को इटावा में आयोजित एक कार्यक्रम में साफ किया कि सपा में विलय नहीं होगा, लेकिन चुनावी गठबंधन का विकल्प खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर मुद्दों के आधार पर उनका गठबंधन संभव है। फिलहाल पार्टी अपने दम पर आगे बढ़ रही है।

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2022 का चुनाव जीतना लक्ष्यः उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके परिवार और पार्टी में फूट डालने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे षड्यंत्रकारी लोग अब सफल नहीं हो सकेंगे। कहा कि इन्हीं षड्यंत्रकारियों की वजह से पार्टी को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा था। कहा कि फिलहाल पार्टी 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है।

उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारेंगे: शिवपाल ने बताया  कि उन्होंने दोनों दलों के मिलने के लिए कई बार प्रयास किया, लेकिन सपा की ओर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। इससे वे अब इस पर विचार नहीं करेंगे। कहा कि वह सपा में साथ आने के लिए पहले तैयार थे, लेकिन पार्टी की बैठकों में उनको नहीं बुलाया गया। अब हम अपनी सदस्यता बढ़ाने में लगे हैं। कहा कि उपचुनाव में उनकी पार्टी प्रत्याशी नहीं उतारी है।