सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी शिवसेना ने हाल में महाराष्ट्र दिवस पर नागपुर में अलग विदर्भ राज्य का झंडा फहराए जाने की घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चुप्पी साधने की कटु आलोचना की है। उल्लेखनीय है कि राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस की ओर से फणनवीस पर अलग विदर्भ राज्य बनाने का ‘पक्ष’ लिए जाने के आरोप के एक दिन बाद शिवसेना की यह प्रतिक्रिया आई है। शिव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, ‘(अलग विदर्भ राज्य का झंडा फहराने वाले) कुछ लोगोंं के कारण देश की अखंडता को चोट पहुंची है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने अपनी आंखों के सामने यह सब देखा। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को कम से कम इस घटना की निंदा करनी चाहिए।’

इसमें कहा गया, ‘किसी राज्य का अलग झंडा नहीं हो सकता। सभी राज्यों का एक ही तिरंगा झंडा है। लेकिन अलग राज्य की मांग करने वाले समर्थकों ने एक अलग झंडा फहराकर तिरंगे और संविधान का अपमान किया है।’
उल्लेखनीय है कि विदर्भ राज्य आंदोलन समिति, विदर्भ प्रदेश विकास परिषद और कुछ अन्य संगठनों ने महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अणे की अगुवाई में नागपुर में एक मई को हुए कार्यक्रम के दौरान अलग विदर्भ राज्य का झंडा फहराया था।

गौरतलब है कि विशेष रूप से बनाए गए बहुरंगी झंडे को एक मई 1960 को महाराष्ट्र में तत्कालीन केंद्रीय प्रांत विदर्भ और बरार के विलय के विरोध के प्रतीक के रूप में देखा गया । अलग विदर्भ राज्य की मांग की अगुवाई करने वाले अणे की प्रतिक्रिया से विवाद उत्पन्न हो चुका है। उन्होंने कहा था कि अलग विदर्भ राज्य का झंडा एक मई को पिछले तीन साल से फहराया जा रहा है। इसके बाद एमएनएस के प्रमुख राज ठाकरे ने अलग विदर्भ राज्य बनाए जाने का पक्ष लेने पर सोमवार फडणवीस के इस्तीफे की मांग की।