Jharkhand High Court: देवघर में शिव बारात (Shiv Barat) के रूट को लेकर झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि देवघर में शिव बारात का रास्ता नहीं बदला जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए सालों से यह रास्ता तया किया है, सिर्फ कोरोना काल में तीन सालों के दौरान यह रास्ता नहीं लिया गया था इसलिए याचिकाकर्ता की ओर से शिव बारात का रास्ता बदलने के आग्रह पर कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।

हाई कोर्ट का आदेश, तय रूट से ही निकाली जाएगी शिव बारात

हाईकोर्ट ने देवघर के उपायुक्त को निर्देश दिए हैं कि वह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक तय रूट का प्रचार प्रसार करें। इससे पहले गुरुवार को निशिकांत दुबे ने शिव बारात का रूट तय करने के जिला प्रशासन के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। निशिकांत दुबे की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सांसद की याचिका खारिज करते हुए तय रूट से ही शिव बारात निकालने के निर्देश दिए हैं।

देवघर में हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात निकालने की परंपरा है। इस बार भी उसकी तैयारियां चल रही हैं, लेकिन इस बीच जिले के एसडीओ दीपांकर चौधरी ने आदेश जारी कर महाशिवरात्रि के दिन देवघर के कुछ हिस्सों में धारा 144 लगानी की बात कही। इसके साथ ही शिव बारात का रूट भी तय किया गया था। भाजपा नेताओं का आरोप है कि हेमंत सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत ही देवघर के डीसी के जरिए ऐसा आदेश जारी करवाया है।

अब शिव बारात संचालन समिति करेगी बैठक

अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिव बारात संचालन समिति की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा होगी। संचालन समिति के अध्यक्ष का कहना है कि बारात का संचालन अच्छे तरीके से हो और कहीं भी भगदड़ की स्थिति ना हो, समिति यही चाहती है।

देवघर, निशिकांत दुबे के प्रतिनिधित्व वाले गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। उन्होंने आरोप लगाया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेश मनमाने थे और वोट बैंक की राजनीति के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर किए गए थे। देवघर अनुविभागीय मजिस्ट्रेट दीपंकर चौधरी ने 13 फरवरी को बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यकता का हवाला देते हुए निषेधाज्ञा जारी की थी।