केरल के एक मंदिर में भरतनाट्यम कलाकार वीपी मानसिया को डांस करने की इजाजत नहीं मिली, जिसको लेकर लोकसभा सांसद शशि थरूर भड़क गए। शशि थरूर ने यहां तक पूछ लिया कि वसुधैव कुटुंबकम कहां है? भरतनाट्यम कलाकार वीपी मानसिया को कई बार विरोध का का सामना करना पड़ा है। एक बार तो वह क्लासिकल डांस को लेकर इस्लामिक संगठनों के निशाने पर आ गई थीं।
भरतनाट्यम कलाकार वीपी मानसिया ने फेसबुक के माध्यम से आरोप लगाया है कि केरल के Thrissur जिले के इरिंजालकुडा में कूडलमानिक्यम मंदिर (जो राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित देवस्वम बोर्ड के अधीन है) ने उसे अपने परिसर में एक निर्धारित नृत्य कार्यक्रम से इसलिए रोक दिया क्योंकि वह हिंदू नहीं हैं। वीपी मानसिया केरल के मलप्पुरम जिले की रहने वाली हैं और उनकी शादी हिंदू लड़के से हुई है।
मानसिया को नृत्य करने से रोके जाने पर शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “अन्य धर्म अपने धर्म का सम्मान करने के लिए और दूसरों को आकर्षित करने के लिए अपने रास्ते से हट जाते हैं और सभी के लिए मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारों और आराधनालयों के दरवाजे खोल देते हैं। लेकिन मेरे कुछ हिंदू साथी हमारे मंदिरों को बाहरी लोगों के लिए बंद करना पसंद करते हैं। “वसुधैव कुटुम्बकम” कहाँ है?”
वीपी मानसिया ने अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से कहा कि क्या धर्म के बगैर इस देश में रहना मुश्किल है? मुझे गुरवयुर के श्री कृष्ण मंदिर में भी प्रस्तुति नहीं देने दी गई थी। केरल की पूर्व मंत्री केके शैलजा ने मंदिर के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी मानसिकता को छोड़नी पड़ेगी, वर्ना संप्रदायिकता बढ़ेगी।
वहीं इस घटना पर मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष प्रदीप मेनन ने कहा कि, “मानसिया एक प्रसिद्ध डांसर हैं लेकिन नियमानुसार सिर्फ हिंदुओं को मंदिर के अंदर प्रस्तुति की इजाजत है। 10 दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव मंदिर परिसर में होगा। महोत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग 800 कलाकार प्रस्तुति देंगे। हमारे नियमों के अनुसार हमें कलाकारों से पूछना होता है कि वे हिंदू हैं या गैर-हिंदू हैं। मानसिया ने लिखित में दिया है कि उनका कोई धर्म नहीं है। इसलिए उन्हें कार्यक्रम स्थल से वंचित कर दिया गया था। हम मंदिर में मौजूदा परंपरा के अनुसार चल रहे हैं।”