Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। गुजरात के पूर्व सीएम शंकरसिंह वाघेला कांग्रेस के समर्थन में दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मुफ्त बिजली और अन्य घोषणओं पर अपनी राय रखी। वाघेला से सवाल हुआ कि पहले समय और अब की चुनावी राजनीति में आप कौन से तीन अंतर देखते हैं?
इसपर जवाब देते हुए वाघेला ने कहा, “पहले 1977 के समय में विधानसभा चुनाव 5,000 रुपये और लोकसभा चुनाव 15,000 रुपये में लड़ा गया था। उस दौरान मुझे पार्टी फंड से 5 लाख रुपये मिले थे और उसमें हम तीन सीटों पर लड़े थे। जिसमें कच्छ, राजकोट और कपड़वंज की सीट थी।
वाघेला ने कहा कि उस दौर में मैंने पार्टी फंड से 1.10 लाख रुपये खर्च किए थे। आपातकाल के दौरान मैं अपना नामांकन दाखिल करने के लिए सीधे जेल से गया था। वाघेला ने कहा कि आज राजनीतिक पार्टियां चुनावी घोषणापत्र के जरिए ठगी कर रही हैं। इसको लेकर चुनाव आयोग को पार्टियों से हिसाब मांगना चाहिए।
मुफ़्त कुछ भी नहीं है:
उन्होंने कहा कि अगर पार्टियां पांच साल के भीतर अपने वादे पूरे नहीं करते हैं, तो उन्हें बाहर होना चाहिए, ताकि वे दोबारा ऐसे वादे न करें। वहीं फ्री की चीजों को लेकर शंकरसिंह वाघेला ने कहा, “मुफ़्त कुछ भी नहीं है। यह 300 यूनिट मुफ्त बिजली क्या है? किसी के बाप की दिवाली है? यह आपका (सार्वजनिक) पैसा है।”
वाघेला ने कहा कि आखिर क्या किसी पार्टी ने मुफ्त शिक्षा का वादा किया? 200 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करके अपना वादा निभाया? मैं गुजरात और देश के मतदाताओं से कहता हूं, रेवड़ी के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा कि क्या किसी पार्टी ने अपना चुनावी वादा निभाने के लिए कोई फंड जुटाया है? यह सब जनता के पैसे के दमपर कहना आसान है।
वाघेला ने कहा कि आज जो लोग राजनीति में आते हैं, वे अपने स्वार्थ के लिए आते हैं। मुझे आरएसएस द्वारा जनसंघ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन अब आने वाले लोगों को किसने बुलाया? उन्होंने कहा कि आज के दौर में किसी भी पार्टी में कोई विचारधारा नहीं है, न तो कांग्रेस, जनसंघ और न ही सीपीएम में ही।