बंबई उच्च न्यायालय में सोमवार (4 अप्रैल) को एक फौजदारी जनहित याचिका दायर कर महाराष्ट्र सरकार और पुलिस महानिदेशक को अहमदनगर जिले में शिंगणापुर स्थित शनि मंदिर में पूजा पाठ को लेकर प्रवेश करने वाली महिलाओं को सुरक्षा मुहैया करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई। याचिका में अदालत से शनिश्वर देवस्थान ट्रस्ट को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि शनि मंदिर में पूजा अर्चना के लिए गर्भ गृह में प्रवेश करना चाह रहीं महिलाओं को पेश आने वाली बाधा को दूर किया जाए।

पुणे के हेमंत पाटिल नाम के एक कार्यकर्ता ने पीआईएल दायर कर राज्य सरकार और डीजीपी को लिखित रूप में यह बताने के लिए भी निर्देश देने की मांग की है कि उन्होंने हाल ही में मंदिर में पूजा अर्चना करने की कोशिश करने वाली महिला श्रद्धालुओं को सुरक्षा क्यों नहीं दी। पीआईएल में एक अप्रैल के उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया गया है जिसमें एक खंड पीठ ने राज्य सरकार से पूजा स्थलों में प्रवेश करने पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को रोकने वाले कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था।

याचिकाकर्ता ने बताया कि 23 अप्रैल को महिला श्रद्धालुओं के साथ शिंगणापुर मंदिर में शनि देव की पूजा अर्चना के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करने की उनकी योजना है। लेकिन ट्रस्ट ने बताया कि इस पूजा अर्चना में भाग लेने वाली महिला श्रद्धालुओं को किसी तरह की सुरक्षा देने में यह अक्षम होगी। महाराष्ट्र सरकार और डीजीपी के अलावा पीआईएल में शामिल अन्य प्रतिवादियों में गृह विभाग सचिव, पुलिस अधीक्षक अहमदनगर, सुपा पुलिस थाना के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और शनिश्वर देवस्थान ट्रस्ट शामिल है।