भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के राजनीतिक जीवन के बारे में तो लोगों को काफी कुछ पता है पर उनकी निजी जिंदगी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि शाहनवाज हुसैन की रेणु से शादी में बस की अहम भूमिका है।

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अपनी लव स्टोरी के बारे में चर्चा करते हुए खुद शाहनवाज हुसैन ने बताया कि उनकी रेणु से पहली मुलाक़ात DTC की एक बस में हुई थी। उन्होंने बताया, “रेणु मोटा चश्मा पहनकर, मोटा बैग लेकर बस में चढ़ीं और उनको सीट नहीं मिल रही थी, ऐसे में मैंने उन्हें अपनी सीट दे दी। दूसरे दिन भी वो लेट आयीं और भरी हुई बस में उन्हें सीट नहीं मिली तो मैंने फिर उन्हें अपनी सीट दे दी।”

आगे का किस्सा सुनाते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि तीसरे दिन जब रेणु बस में चढ़ीं तो मैंने पहले से अपने एक दोस्त को सीट पर बैठाकर रखा था। उन्होंने बताया, “वो रोजाना डीटीसी की बस नंबर 740 से पूसा कॉलेज जाते थे जिसमें रेणु भी सफर करती थीं। वो पढ़ने में काफी जीनियस थीं और उनके घर के पास वाली गली में हम भी रहते थे।”

दुपट्टा फाड़कर चोट पर बांध दिया: शाहनवाज हुसैन ने बताया कि रेणु की आंखें काफी खूबसूरत थीं और मेरी तरफ से ये पहली नजर का ही प्यार था, पर कहने में सालों लग गए। बीजेपी नेता ने बताया कि ये रेणु के मन में भी था पर वो भी नहीं कह सकीं। अपने प्यार का किस्सा सुनाते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा, “ एक बार मैं उनकी गली में बैडमिंटन खेल रहा था, तब मेरे पैर के अंगूठे में चोट लग गयी। चूंकि, मैं रोज सीट देता था तो रेणु बैंडेज लेने गईं। जब उन्हें बैंडेज नहीं मिला तो उन्होंने अपने दुपट्टा फाड़कर मेरी चोट पर बांध दिया।”

पानी की जगह देती थी दूध: आगे बताते हुए बीजेपी नेता ने कहा, “ये बात मेरे दिल में घर कर गयी और फिर मैं उनके घर आने-जाने लगा। एक दिन उनकी मम्मी ने रेणु से मुझे पानी देने को कहा पर वो एक गिलास दूध ले आयीं। उसके बाद जब भी मैं जाता था वो एक गिलास दूध ले आती थीं।” शाहनवाज हुसैन ने बताया, “एक दिन मैंने रेणु से पूछा कि आप हमेशा दूध क्यों ले आती हैं जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि आप इतने कमजोर हैं, अकेले रहते हैं।”

शाहनवाज हुसैन ने बताया कि रेणु के जन्मदिन पर पहली बार मैंने उन्हें कार्ड और पेन दिया था जिसके बाद उनका जवाब आया और खतों का सिलसिला शुरू हो गया। पर वो अंग्रेजी में खत लिखती थीं और मेरी अंग्रेजी कमजोर थी। उन्होंने बताया, “मेरे जिन दोस्तों की अंग्रेजी अच्छी थी वो बैठकर मुझे खत लिखवाते थे। पर हमारा मजहब अलग था तो लगता था कि कैसे होगी शादी।”

धूमधाम से नहीं हो पायी शादी: शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इसके बारे में जब मैंने अपनी गार्जियन उमा भारती जी को बताया तो उन्होंने कहा कि देखो तुम्हारी शादी धूम-धाम से तो नहीं होगी। जिसके बाद हमने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी कर ली और किसी को बताया नहीं। बीजेपी नेता ने कहा, “हमारे परिवार में इस तरह की कोई शादी नहीं हुई थी इसलिए सब बहुत नाराज थे, पर फिर एक घर लेकर हम साथ रहने लगे।”