वडोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस लान में धूप सेंक रहे सात फुट लंबे मगरमच्छ को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया है। इस मगरमच्छ को स्थानीय लोगों ने देखा और इसकी जानकारी प्रशासन को दी। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह मगरमच्छ विश्वामित्र नदी से निकलकर बाहर आया होगा। गौरतलब है कि विश्वामित्र नदी लक्ष्मी विलास पैलेस के पीछे से ही होकर बहती है।
बारिश का मौसम आते ही जहां लोग खुशियां मनाते लगते हैं वहीं, गुजरात के वडोदरा शहर के लोगों की चिंता बढ़ जाती हैं। इसका कारण हैं शहर के बीचों-बीच बहने वाली विश्वामित्र नदी में बसाहट करने वाले सैकड़ों खूंखार मगरमच्छ। विश्वामित्र नदी में मगरमच्छों की संख्या अधिक होने की वजह से मानसून में नदी का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ के पानी के साथ शहर में उनके घुस आने का भी खतरा बढ़ जाता है।
वीडियो: वडोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस से वन विभाग की टीम ने एक 7 फुट लंबे मगरमच्छ को रेस्क्यू किया
https://youtu.be/0l7G_Q9y8Jo
राज्य सरकार के निर्देश पर वन विभाग द्वारा हाल ही में की गई गणना के अनुसार, शुक्ल तीर्थ से नारेश्वर घाट तक यानी की 45 किमी के दायरे में 700 मगरमच्छों के होने की बात सामने आई है। यह न सिर्फ चौंकाने वाला आंकड़ा है, बल्कि खतरनाक भी। इतना ही नहीं, विश्वामित्र नदी में पानी बढ़ने पर मगरमच्छ आसानी से नदी पर बने पुलों पर भी आराम फरमाते नजर आते हैं।
शहरवासियों को प्रतिवर्ष नदी में आने वाली बाढ़ का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इन मगरमच्छों से निपटना भी उनके लिए बड़ी चुनौती होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा की विश्वामित्र दुनिया की तीसरी ऐसी नदी है, जिसमें मगरमच्छों की भरमार है। और यह नदी सैकड़ों किमी की लंबाई तक मानव बस्ती के बीच से ही बहती है। आमतौर पर मगरमच्छ इंसानों के बीच बसाहट नहीं करते। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस नदी में 10 फुट तक लंबे सैकड़ों मगरमच्छ हैं।
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