हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की बरसी पर अलगाववादियों सोमवार (8 जुलाई) को जम्मू-कश्मीर में बंद का आह्वान किया। इसके चलते राज्य में हाई अलर्ट जारी रहा। प्रशासन ने एहतियातन राष्ट्रीय राजमार्ग पर अमरनाथ श्रद्धालुओं और सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही रोक दी। अधिकारियों ने बताया कि बुरहान वानी की मौत के तीन साल होने पर कश्मीर घाटी में अलगाववादियों के बंद के कारण अमरनाथ यात्रियों की आवाजाही रोक दी गयी और यह यात्रा मंगलवार (9 जुलाई) को बहाल होगी।
उन्होंने कहा कि घाटी में कानून व्यवस्था के मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए अमरनाथ यात्रियों को यात्रा पर नहीं जाने दिया गया। सामान्यत: यात्री तड़के भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर के लिए रवाना होते हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘जम्मू से यात्रा रद्द रही और मंगलवार को यह बहाल होगी ।’ प्रशासन ने बिना कारण बताए दिनभर के लिए सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही भी रोक दी।
श्रीनगर में नौहट्टा, खानयार, सफाकदल और महाराजगंज के थाना अंतर्गत पाबंदी लगायी गई। कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियात के तौर पर पाबंदी लगाई गई। बुरहान वानी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। ज्वॉइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) के नेतृत्व में अलगाववादियों ने सोमवार को पूरी तरह बंद रखने, त्राल और पास के इलाके के लोगों से अपने इलाके में हरेक शहीद को श्रद्धांजलि देने की अपील की थी।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा। कुछ निजी गाड़ियां शहर के कुछ हिस्से में दिखीं। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों- अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा में मोबाइल इंटरनेट सेवा रोक दी गई। घाटी के अन्य इलाके में इंटरनेट सेवा धीमी कर दी गई।