लालू प्रसाद यादव की आरजेडी से इस्तीफा देकर बिहार की राजनीति में हलचल पैदा करने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। उनके एक सहयोगी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री की जब तबीयत ज्यादा नहीं बिगड़ी थी तब उन्होंने 6-7 पेज में पत्र लिखे थे। अब उनके करीबियों ने दो पेज के पत्र और जारी किए हैं। इसमें उन्होंने आरजेडी के काम करने के तरीके पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि पार्टी में सामंती माहौल है। आरजेडी में अब विचारधारा के स्तर पर बहस की गुंजाइश नहीं बची है।
पत्र में आगे कहा गया, ‘सगंठन को मजबूत करने के लिए मैंने पत्र लिखा तो उसे ताक पर रख दिया गया। पढ़ने का भी कष्ट नहीं किया। जिस समाजवादी मंच से हम कहते रहे हैं कि रानी के पेट से नहीं बैलेट के बक्से से राजा पैदा होता है। मगर वहां पर क्या हो रहा है, लोग सब देख रहे हैं।’
रघुवंश प्रसाद ने पत्र में आरजेडी का नाम लिए बिना लिखा है, ‘संगठन में सचिव से ज्यादा महासचिव बनाना हास्यास्पद नहीं है तो क्या है। जयकारा लगवाने और प्रतिदिन के बयान से पार्टी अपने विरोधियों से कैसे निपटेगी। इतना बड़ा जनाधार और कार्यकर्ताओं को बिना काम के बैठाकर रखने का उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा।’ उन्होंने कहा कि ‘इस नारे गूंज अब गायब हो गई है- सावधान पद और पैस से होना है गुमराह नहीं, सीने पर गाली खाकर निकले मुख से आह तक नहीं।’
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उल्लेखनीय है कि रघुवंश प्रसाद सिंह के कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने पर करीब एक सप्ताह पहले दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उनके साथ रह रहे उनके एक सहयोगी ने फोन पर बताया कि साहिब की स्थिति बहुत बिगड़ गई। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। हम उनके कल्याण के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
अच्छे और बुरे दोनों ही दौर में आरजेडी सुप्रीमो के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह की कुछ महीने पहले पार्टी से तब अनबन हो गयी जब, चर्चा होने लगी कि माफिया डॉन से नेता बने एवं वैशाली लोकसभा क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंद्वी रमा सिंह के चलते उन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। उपाध्याक्ष पद से इस्तीफा देते समय उन्होंने आरजेडी की प्राथमिक सदस्यता तो नहीं छोड़ी लेकिन वह पार्टी के रोजमर्रा के कामकाज से दूर रहने लगे। इसके लिए उनके खराब स्वास्थ्य को कारण बताया गया। (एजेंसी इनपुट)