मेघालय की जयंतिया हिल्स पर एक अवैध खदान में फंसे 15 खनन मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा- ‘मजदूर इतने दिन से लापता हैं। अब तक आपने क्या कदम उठाए? हम रेस्क्यू ऑपरेशन से संतुष्ट नहीं हैं। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि सब मारे जा चुके हैं, कुछ जिंदा हैं, कुछ मारे गए हैं या सभी जिंदा हैं। उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे सभी जिंदा हों।’

370 फीट गहरी खदान में 21 दिन से फंसे हैंः उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर से लेकर अब तक 21 दिन बीत चुके हैं लेकिन कुछ मजदूरों के हेलमेट छोड़कर रेस्क्यू टीम को कुछ नहीं मिला। जिस 370 फीट गहरी खदान में मजदूर फंसे हैं उसमें 70 फीट तक पानी भरा है। एनजीटी ने इस खदान से खनन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसके बावजूद यहां से खनन जारी था। 13 दिसंबर को यहां पास में बहने वाली एक नदी का पानी खदान में घुसने लगा और इसी के चलते मजदूर खदान में ही फंस गए।

‘केंद्र से भी लेंगे जवाब’: मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय कृष्ण कौल की खंडपीठ ने मेघालय सरकार के वकील से कहा, ‘अगर आपको केंद्र से कोई मदद चाहिए तो हमें बताइए। केंद्र सरकार से भी जवाब लिया जाएगा।’ इस पर मेघालय के वकील ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से मजदूरों को निकालने के लिए साझा प्रयास किए जा रहे हैं।