केंद्र में लगातार दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनने के महज 10 दिन बाद ही संतों ने राम मंदिर को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। उन्होंने सोमवार (3 जून) को अयोध्या में मुलाकात की और राम मंदिर बनाने पर चर्चा की। उनका कहना है कि यह सरकार राम के नाम पर बनी है। ऐसे में अब राम का काम करने का वक्त आ गया है। इस बैठक में चर्चा की गई कि संतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करे। साथ ही, 15 जून को राम जन्म भूमि न्यास प्रमुख नृत्य गोपाल दास के जन्मदिन पर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अयोध्या में संत सम्मेलन आयोजित किया जाए। बता दें कि महंत नृत्य गोपाल दास के सप्ताह भर चलने वाले जन्मदिन समारोह का उद्घाटन 7 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
अब राम का काम करने का वक्त: महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं। राम के नाम पर और राम का नाम लेकर सरकार बन गई है। अब वक्त आ गया है कि राम का काम भी किया जाए।
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बैठक में राम मंदिर को लेकर हुई चर्चा: कमल नयन दास ने कहा, ‘‘सोमवार को संतों ने एक बैठक की, जिसमें विश्व हिंदू परिषद का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल हुआ। इस बैठक में राम मंदिर के निर्माण में अब तक के घटनाक्रम, सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाए गए कदम और अब क्या करने की जरूरत है, आदि मुद्दों पर चर्चा की गई।’’
15 से 18 जून तक होंगी 2 बैठक: उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों को ही इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाना चाहिए। पूरी दुनिया के संत 15 जून को होने वाले सम्मेलन में शामिल होंगे और दूसरी बैठक 17-18 जून को हरिद्वार में होगी। दोनों ही बैठक का मुख्य मुद्दा राम मंदिर का निर्माण होगा।
VHP को सरकार पर भरोसा: अयोध्या में हुई संतों की बैठक में विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय भी शामिल हुए थे। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सभी को विश्वास है कि यह सरकार सही फैसले लेगी। यह भी स्पष्ट है कि मोदी जी के कार्यकाल के दौरान राम मंदिर का निर्माण होगा।