उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को हिंसा हुई थी। शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। हिंसा मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। इस बीच संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि अब तक हिंसा के 80 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है।

80 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

डीएम राजेंद्र पेंसिया ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, “अभी तक हमने 80 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और चार्जशीट भी दाखिल कर दिया है। बाकी जो आरोपी प्रकाश में आए हैं, उनकी तलाश जारी है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि सभी आरोपियों को उनके अपराध के आधार पर सजा मिले। उस वक्त जो लोग सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे, उनमें से कई लोग मिल नहीं रहे हैं। इसलिए हमने पोस्टर चिपकाए हैं। अगर वे लोग पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और फिर चार्जशीट दायर किया जाएगा।”

बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया जा रहा था। एएसआई द्वारा सर्वे किया जा रहा था। इसी दौरान हिंसा हुई थी। इस हिंसा की जांच SIT कर रही है। मामले में कुल 12 FIR दर्ज हुई है और सभी की जांच की जा रही है। इसको लेकर यूपी पुलिस ने गुरुवार को 400 पेज की चार्जशीट फाइल की। यूपी पुलिस की 4000 पेज की चार्जशीट में बताया गया है कि दुबई में रहने वाला शारिक साठा हिंसा का मास्टरमाइंड था। शारिक साठा अभी दुबई में है और उसका संबंध डी कंपनी से भी है। चार्जशीट में बताया गया कि इस हिंसा के पीछे डी कंपनी का हाथ था।

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शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए मांगी इजाजत

इस बीच रमजान का महीना शुरू होने वाला है। शाही जामा मस्जिद के चीफ जफर अली ने ASI को पत्र लिखकर मस्जिद के रंगाई-पुताई, साफ-सफाई और सजावट के लिए अनुमति मांगी है।

जफर अली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सैकड़ों वर्षों से जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई और सजावट होती आई है। कभी ASI से परमिशन नहीं मांगी गई। उन्होंने कहा कि ना ही कभी ASI ने आपत्ति जाहिर की। जफर अली ने कहा कि शहर में अमन-शांति बरकरार रहे इसलिए हमने परमिशन लेना मुनासिब समझा।