संभल की शाही जामा मस्जिद पिछले कुछ महीनो से विवादों में है। हालांकि अब मस्जिद की देखरेख एएसआई के नेतृत्व में हो रही है। इस बीच रमजान का महीना शुरू होने वाला है और शाही जामा मस्जिद के चीफ जफर अली ने ASI को पत्र लिखकर मस्जिद के रंगाई-पुताई, साफ-सफाई और सजावट के लिए अनुमति मांगी है।

DM ने दी जानकारी

संभल के जिलाधिकारी ने भी इसकी जानकारी दी है। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा, “विवादित स्ट्रक्चर एएसआई की संपत्ति है। अदालत ने इस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई से रोक लगा दी है। एसडीएम को मस्जिद की सफाई और पेंटिंग का अनुरोध करने वाला एक आवेदन मिला है। हमने इसे एएसआई को भेज दिया है।”

मस्जिद के इमाम ने ASI को लिखा पत्र

जफर अली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सैकड़ों वर्षों से जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई और सजावट होती आई है। कभी ASI से परमिशन नहीं मांगी गई। उन्होंने कहा कि ना ही कभी ASI ने आपत्ति जाहिर की। जफर अली ने कहा कि शहर में अमन-शांति बरकरार रहे इसलिए हमने परमिशन लेना मुनासिब समझा।

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जफर अली ने कहा कि पवित्र महीने रमजान के लिए इजाजत मांगी है। उन्होंने बताया कि मस्जिद में 2018 में लोगों की सुविधा के लिए ग्रिल लगाई गई थी। हर साल रमजान के मौके पर शाही जामा मस्जिद में सजावट होती रही है, इसलिए हमें आदेश दें, ताकि हम पवित्र रमजान के सारे कार्य कर सकें।

संभल में हुई थी हिंसा

उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हिंसा हुई थी। बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया जा रहा था। एएसआई द्वारा सर्वे किया जा रहा था। इसी दौरान हिंसा हुई थी। इस हिंसा की जांच SIT कर रही है। मामले में कुल 12 FIR दर्ज हुई है और सभी की जांच की जा रही है। इसको लेकर यूपी पुलिस ने गुरुवार को 400 पेज की चार्जशीट फाइल की। यूपी पुलिस की 4000 पेज की चार्जशीट में बताया गया है कि दुबई में रहने वाला शारिक साठा हिंसा का मास्टरमाइंड था। शारिक साठा अभी दुबई में है और उसका संबंध डी कंपनी से भी है। चार्जशीट में बताया गया कि इस हिंसा के पीछे डी कंपनी का हाथ था।