उत्तर प्रदेश के संभल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर पुलिस ने हत्या का पर्दाफाश किया है। इसमें एक दिव्यांग व्यक्ति की हत्या केवल इसलिए कर दी गई ताकि 51 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी का क्लेम मिल जाए। दिव्यांग मृतक व्यक्ति की पांच बीमा पॉलिसी कराई गई थी। जब दिव्यांग व्यक्ति की मौत हुई थी तब पुलिस ने मामले को सड़क हादसा दिखाते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। हालांकि अब 9 महीने बाद पता चला कि यह योजना के तहत मर्डर था।

सड़क हादसे की हुई थी FIR

1 अगस्त 2024 को एक सड़क हादसे मामले में चंदौसी कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। चंदौसी के बिसौली थाना क्षेत्र के ढीलवारी गांव निवासी राजेंद्र ने अपने भाई दरियाब जाटव की मौत के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई थी। FIR के अनुसार दरियाब 21 जुलाई 2024 को बाजार जाने की बात कह कर घर से निकला था, लेकिन सैनिक चौराहे से आटा जाने वाली सड़क पर करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर रात 10 बजे उसका शव मिला था। उस दौरान अज्ञात वाहन की टक्कर से उसकी मृत्यु होने की बात सामने आई थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और मौत का कारण सिर में चोट और पूरे शरीर पर छिलने जैसे निशान बताए गए थे।

जानें कैसे पुलिस को हुआ शक

हालांकि पुलिस को अज्ञात वाहन का पता नहीं चला और फाइल बंद हो गई। लेकिन एक सवाल था कि दिव्यांग दरियाब कोई काम नहीं करता था और उसकी पांच बीमा पॉलिसी थी। इसकी किस्त वो चुका रहा था। यहीं से पुलिस को शक होना शुरू हुआ। इसके बाद पुलिस ने आगे की जांच की तो पता चला एक्सिस बैंक के एडवाइजर पंकज राघव ने ऐसे व्यक्ति की पॉलिसी की, जो दिव्यांग था और उसके बाद उस व्यक्ति की हत्या कर दी गई और एक्सीडेंट का रूप दिया गया।

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एक्सिस बैंक के पॉलिसी एडवाइजर और उसके साथियों ने दरियाब से डॉक्यूमेंट लिया और एक्सिस बैंक में खाता खुलवा दिया। लेकिन पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिए।

पुलिस ने केस को किया रिओपन

इस पूरे मामले में मृतक के भाई राजेंद्र को आरोपियों ने विश्वास में लिया था और उसके खाते में क्लेम के रुपये मंगवाए गए। लेकिन राजेंद्र को इन सब चीजों के बारे में पता नहीं था। अब पुलिस ने फर्जी तरीके से बीमा पॉलिसी का ठगी करने वाले गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूरे मामले का खुलासा संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने किया। पुलिस ने पूरे केस को 30 अप्रैल 2025 को रिओपन किया था।

इस मामले में हरिओम और विनोद नामक आरोपी भी शामिल थे, जिन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उन्हें पैसों की जरूरत थी और लोन न मिल पाने की स्थिति में एक्सिस बैंक के पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव ने यह प्लान बताया था और उसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इसमें कितने लोग शामिल है, इसका भी पता कर रही है।