एकतरफ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर के बीच बयानबाजी जारी है। वहीं, दूसरी तरफ सपा की ओर से लिखे गए खत को लेकर प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव भी अखिलेश पर हमलावर नजर आ रहे हैं।
इतना ही नहीं, कई पार्टी नेता भी सपा प्रमुख के खिलाफ बगावती रुख में नजर आ रहे हैं। सपा के वरिष्ठ नेता सुखराम सिंह यादव ने अखिलेश को लेकर बयान दिया है और उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व में विचारधारा की कमी है।
इस सबके बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सदस्यता अभियान को गति देते हुए जिलेवार प्रभारियों की सूची जारी कर दी है। इसमें 72 जिलों में करीब 80 बड़े नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने प्रभारियों की सूची जारी कर दी है। उन्हें कानपुर देहात की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि संभल की जिम्मेदारी धर्मेंद्र यादव को दी गई है। वहीं, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर सदस्यता अभियान की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, रामगोविंद चौधरी सुल्तानपुर की कमान संभालेंगे।
सूची के मुताबिक, अमरोहा से विधायक व पूर्व मंत्री महबूब अली को बरेली की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राज्यसभा सदस्य वे लंब समय तक समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष की कमान संभालने वाले वीरपाल सिंह यादव वे बहेड़ी विधायक अताउर रहमान की कद बढ़ा है। वीरपाल सिंह को पीलीभीत की जिम्मेदारी मिला है। वहीं, अताउर रहमान को श्रावस्ती जनपद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बता दें कि शिवपाल यादव और ओपी राजभर के हमलावर रवैये के बीच समाजवादी पार्टी ने एक चिट्ठी लिखकर दोनों से कहा कि वो जहां जाना चाहें जा सकते हैं। पार्टी ने राजभर को लिखी चिट्ठी में कहा, “समाजवादी पार्टी लगातार बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है। आपका भाजपा के साथ गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।”
इसी तरह, पार्टी की तरफ से शिवपाल यादव को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया, “शिवपाल यादव जी, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप लोग स्वतंत्र हैं।”