सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने पार्टी न छोड़ने का संकेत देते हुए बुधवार को कहा कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उतना ही प्यार करते हैं, जितना वह उनके पिता मुलायम सिंह यादव से करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह मूर्ख नहीं हैं जो पार्टी छोड़ दें। पूर्व कैबिनेट मंत्री खान सीतापुर जेल से करीब दो साल बाद मंगलवार को रिहा हुए।

खान ने बुधवार को पत्रकारों के साथ बातचीत की और कहा कि अदालतों से उन्हें इंसाफ मिलेगा। खान ने उम्मीद जताई कि उनके खिलाफ दर्ज मामलों में वह बेदाग साबित होंगे।

आजम खान ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उच्च न्यायालय से इंसाफ मिलेगा और अगर वहां से नहीं मिला तो उच्चतम न्यायालय से न्याय जरूर मिलेगा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा उनकी रिहाई का स्वागत करने और इसे न्याय की जीत बताने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में खान ने कहा, “वह (अखिलेश) एक बड़ी पार्टी के नेता हैं। अगर उन्होंने मेरे जैसे छोटे आदमी के लिए ऐसा कुछ कहा है, तो यह उनकी महानता को दर्शाता है।”

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खान ने कहा कि वह अखिलेश से उतना ही प्यार करते हैं जितना वह ‘नेता जी’ (मुलायम सिंह यादव) से करते थे। सपा छोड़ने की अटकलों पर खान ने कहा, “मैं मूर्ख नहीं हूं, पार्टी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।” हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि जेल से रिहा होने के बाद से उनकी यादव से फोन पर बात नहीं हुई है।

आजम ने कहा, “मैं फोन चलाना भूल गया हूं; मेरे पास फोन नहीं है, अखिलेश मुझे कैसे कॉल करेंगे।” बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने की अफवाहों को खारिज करते हुए खान ने कहा, “मेरा एक चरित्र है, मैंने साबित कर दिया है कि मैं ऐसा शख्स नहीं हूं जिसे खरीदा जा सके।”

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पत्नी का नंबर भी भूल गया हूं…

खान ने कहा, “मेरे पास सालों से फोन नहीं था, मुझे केवल अपनी पत्नी का नंबर याद था और अब मैं वह नंबर भी भूल गया हूं।” रामपुर और सैफई खेमों के बीच कथित मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर, खान ने हल्के-फुल्के अंदाज में पत्रकारों से इस मामले में “आग न लगाने” का आग्रह किया। जब उनसे यादव के इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई कि प्रदेश में सपा सरकार बनने पर उनके खिलाफ दर्ज झूठे मामले वापस लिए जाएंगे तो खान ने कहा, “शायद इसकी ज़रूरत नहीं है।”

सपा के कद्दावर नेता खान ने चुटकी लेते हुए कहा, “अगर उन शब्दों में ज़रा भी दम होता, तो आप मुझे इस तरह बाहर नहीं देख रहे होते। निचली अदालत से लेकर उच्चतम न्यायालय तक, मुझे उम्मीद है कि मुझे इंसाफ मिलेगा। और आप देखिएगा, मैं बिल्कुल बेदाग निकलूंगा।”

पांच साल छोटी सी कोठरी में अकेले बिताए

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से नाराज़ हैं कि रिहाई के बाद कोई वरिष्ठ सपा नेता या स्थानीय सांसद उन्हें लेने नहीं आए, ख़ान ने जवाब दिया, “कोई नाराज़गी नहीं है। वे स्वस्थ रहें।” मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव के उनसे मिलने आने की अटकलों पर, ख़ान ने भावुक होते हुए कहा, “मैंने पांच साल एक छोटी सी कोठरी में अकेले बिताए हैं। किसी के इंतज़ार का एहसास अब खत्म हो गया है।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि 2027 में सपा अगली सरकार बनाएगी, तो ख़ान ने कहा, “मैं भविष्यवाणी नहीं करता। मेरी अपने लिए कोई इच्छा नहीं है। मैं उनके लिए शुभकामनाएं देता हूं – वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के बच्चे हैं।”

10 बार विधायक रहे हैं आजम खान

समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और रामपुर से 10 बार विधायक रहे खान पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें ज़मीन हड़पने और भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं। अदालत से ज़मानत मिलने के बाद वह मंगलवार शाम रामपुर स्थित अपने घर पहुंचे।