समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने विधायक सुभाष पासी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सपा के मुताबिक उनके पास इस बात की जानकारी थी कि पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे थे। निष्कासन के कुछ घंटों के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए। सपा ने ट्वीट किया, ‘‘गाजीपुर की सैदपुर सीट से सपा विधायक सुभाष पासी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में दल से निष्कासित किया जा रहा है।’’दो बार सपा के टिकट पर विधायक चुने गए पासी पिछले कुछ समय से भाजपा नेताओं के संपर्क में थे और मंगलवार को वो बीजेपी में शामिल हो गए।
सीतापुर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राकेश राठौर के समाजवादी पार्टी में शामिल होना, पार्टी ने सपा विधायक सुभाष पासी के भगवा में शामिल होने की अटकलों को सियासी बदला माना जा रहा है। सैदपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी की निगाहें काफी समय से टिकी हुई थीं। 1996 के बाद बीजेपी को इस सीट पर सफलता नहीं मिली थी अब दो बार के सपा विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाते हुए सपा ने खास रणनीति तैयार की है। लखीमपुर खीरी मामले में ‘भाजपा की क्रूरता’ के बारे में लोगों को याद दिलाने के लिए हर महीने की तीन तारीख को ‘लखीमपुर किसान स्मृति दिवस’ मनाने का आह्वान किया है।
समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के समस्त निवासियों, किसानों के शुभचिंतकों और सपा तथा अन्य सहयोगी दलों से अपील है कि अब से हर महीने की तीन तारीख को लखीमपुर किसान स्मृति दिवस मनाए और लोगों को भाजपा की क्रूरता की याद दिलाएं। तीन नवंबर को सब किसान स्मृति दीप जलाएं और अन्नदाताओं का मान बढ़ाएं।’’
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस वारदात के बाद विपक्षी दलों ने भाजपा पर जमकर हमला किया। वे इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।