उत्तर प्रदेश में मार्च महीने में संपन्न हुई चुनाव में समाजवादी पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। 2012 में जिन अखिलेश यादव ने अपने दम पर सपा साइकिल दौड़ाई थी, वो इस चुनाव में कांग्रेस के ‘हाथ’ का साथ पाकर भी बुरी तरह से हारे। हार के बाद समाजवादी पार्टी ने सोमवार को अपना स्लोगन (नारा) बदलने का फैसला किया। पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव का ‘काम बोलता है’ चुनाव में लोगों का दिल जीतने में नाकाम रहने के बाद अब नया नारा दिया। समाजवादी पार्टी का नया नारा- “आपकी साइकिल सदा चलेगी आपके नाम से, फिर प्रदेश का दिल जीतेंगे हम मिलकर अपने काम से।” विधानसभा की 403 सीटों पर हुए चुनाव में सपा की सीटें 224 से घटकर 47 रह गई। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी 15 साल बाद प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही। बीजेपी ने 312 सीटें जीतीं और योगी आदित्य नाथ को राज्य का नया सीएम बनाया गया।
समाजवादी पार्टी की हार के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि सपा को चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान अंदरुनी कलह से हुआ है। चुनाव से पहले पूरी समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव और शिवपाल यादव खेमे में बंट गई। 1992 में सपा की स्थापना करने वाले और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव ने भी खुद को चुनाव प्रचार से दूर रखा। उन्होंने सिर्फ अपनी छोटी बहू अपर्णा यादव और भाई शिवपाल यादव के लिए प्रचार किया। इटावा की जसवंत नगर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े शिवपाल यादव तो अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे, लेकिन अपर्णा को बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के सामने हार का मुंह देखना पड़ा।
Samajwadi Party coins new slogan for party- 'Aapki Cycle sadaa chalegi aapke naam se, fir pradesh ka dil jeetenge hum milkar apne kaam se' pic.twitter.com/ovRK1o4Bly
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 27, 2017
हार के बाद समाजवार्टी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने रविवार को समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कई पहलुओं पर चर्चा हुई। हालांकि मुलायम सिंह और शिवपाल यादव समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान इस बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं अखिलेश यादव सपा के सुप्रीमो के पद से हट जाएंगे। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि 30 सितंबर से पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाएगा।