दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मुसलमानों से किए वादों को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को तीन महीने का समय दिया है। इस अवधि में अगर वादे पूरे नहीं हुए तो सपा को समर्थन के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा। बुखारी ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि मुसलमानों से पिछले चुनाव में जो वायदे किए थे, उन्हें तीन महीने में सपा सरकार पूरा करे अन्यथा उत्तर प्रदेश के मुसलमान सपा को समर्थन के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होंगे।

सभी पार्टियों को समझ लेना चाहिए कि मुसलमान किसी पार्टी का बंधुआ मजदूर नहीं है। सपा सरकार को भी यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि मुसलमानों से किए गए वायदे अभी पूरे नहीं किए जाते तो मुसलमानों के सामने सपा के संबंध में अपने पूर्व के निर्णय पर पुनर्विचार आवश्यक हो जाएगा। मुसलमानों को आबादी के अनुपात में आरक्षण, मुसलिम बहुसंख्यक आबादी वाले जिलों में शिक्षा के विशेष प्रबंध, रोजगार और सुरक्षाबलों में भर्ती के लिए सपा ने जो वायदे किए थे, उन्हें तत्काल प्रभाव से पूरा किया जाए।

हर क्षेत्र में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व को विश्वसनीय बनाया जाए और व्यावहारिकता में मुसलमानों को यह विश्वास दिलाने का प्रयास किया जाए कि सपा मुसलमानों के हितों की ईमानदारी से रक्षा करेगी। सपा ने चुनावी घोषणापत्र में जो वायदे मुसलमानों से किए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं किया। इसके अलावा राज्य सरकार मुसलमानों को सुरक्षा देने में भी पूरी तरह नाकाम रही है। चार साल के कार्यकाल में सांप्रदायिक शक्तियों के हौसले बुलंद हुए हैं और सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है।

पत्रकार से हाथापाई : दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की प्रेस कांफ्रेंस में शनिवार को हंगामा हो गया। नौबत हाथापाई तक की आ गई। जावेद नामक एक पत्रकार ने इमाम से सवाल किया कि कितने संगठनों का समर्थन उन्हें हासिल है। इसका इमाम अभी जवाब दे ही रहे थे कि उनका निजी सुरक्षाकर्मी (पीएसओ) जावेद के पास आया और उसका हाथ पकडकर बाहर ले जाने लगा। इस पर प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद सभी पत्रकार भड़क उठे और हाथापाई की नौबत आ गई।