एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मध्यवाह्न (मिड डे मील) भोजन के तहत स्कूली बच्चों को ‘नमक-रोटी’ परोसने की घटना की वीडियो पोस्ट करने वाले पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम की बुधवार को निंदा की। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने यह भी जानना चाहा कि मीडिया समुदाय योगी आदित्यनाथ सरकार का बहिष्कार क्यों नहीं कर रहा है? एआईएमआईएम के नेता का ध्यान उत्तर प्रदेश में पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने की ओर आर्किषत किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया समुदाय (पत्रकार पर मामला दर्ज होने के खिलाफ) बयान जारी करने के अलावा क्या कर रहा है?’’
क्या बोले ओवैसी: उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकार समुदाय एक दिन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का बहिष्कार क्यों नहीं कर देता है? एक दिन के लिए नहीं कर सकता है तो कम से कम आधे घंटे के लिए ही क्यों नहीं कर देता है?’’ ओवैसी ने पत्रकारों को सतर्क करते हुए कहा कि उनकी किसी भी तरह की रिपोर्टिंग के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है। ओवैसी ने आगे ने कहा, ‘‘कृपया सजग रहें। यह किस की बकवास है। लोकतंत्र में, प्रेस को आजाद रहना चाहिए। मैं इस घटना की निंदा करता हूं। उत्तर प्रदेश सरकार के कदम की निंदा होनी चाहिए और मैं पूरी तरह से सच दिखाने वाले पत्रकारों के साथ हूं।’’
हिमंत बिस्वा को ओवैसी का जवाब: असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया था कि भारत हमेशा उत्पीड़ित हिन्दुओं का वतन रहेगा। इसका जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि देश की नागरिकता किसी व्यक्ति के मजहब के आधार पर नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं असम के मंत्री या संघ परिवार के किसी भी व्यक्ति को चुनौती देता हूं कि मुझे दिखाएं (संविधान में) कहां धर्म का उल्लेख है। नागरिकता धर्म के आधार पर नहीं दी जाती है।’’ ट्विटर पर ओवैसी के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने पहले ट्वीट किया था, ‘‘अगर भारत हिन्दुओं की रक्षा नहीं करेगा तो उनकी रक्षा कौन करेगा? पाकिस्तान ? भारत सदैव सताए हुए हिन्दुओं का घर रहेगा, भले ही आपका विरोध हो सर।’’