उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलश यादव अपने गांव सैफई को विश्वस्तरीय बनाने में जुटी हुए हैं। सैफई को नीदरलैंड के शहरों की भांति विकसित कराने की योजना के मद्देनजर मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए करीब तीन सौ करोड़ रुपए की लागत से सैफई की 13 किमी सड़के, सीवरलाइन, फुटपाथ, अंडरग्राउंड बिजली व्यवस्था, साइकिल ट्रैक और प्लांटेशन के माध्यम से नीदरलैंड जैसा लुक दिया जाएगा। सैफई में मास्टर प्लान के नोडल अधिकारी और इटावा लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एके गुप्ता ने बताया कि सैफई को विकसित करने का मास्टर प्लान मंजूर हो गया है। जल्द की निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। मार्च 2017 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। मास्टर प्लान के मुताबिक सभी कार्य पूर्ण होने पर सैफई काफी सुंदर नजर आएगी।

रिपोर्ट के मुताबिक मास्टर प्लान की लागत और भी बढ़ सकती है। इसमें लोक निर्माण, सिंचाई, पावर कारपोरेशन, वन और जल निगम के अधिकारियों की देखरेख में काम होगा इनका नोडल प्रभारी अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग को बनाया गया। एक साल में सभी कार्य पूर्ण होने हैं। पहले कौन सा कार्य होगा इसका निर्धारण कर लिया गया है। सबसे पहले सीवर लाइन और अंडरग्राउंड पावर लाइन का कार्य होगा। इसके बाद सड़कों का चौड़ीकरण होगा।

सड़क के मध्य में बेहतरीन डिवाइडर दोनों ओर फुटपाथ तथा साइकिल ट्रैक होगा। इसके साथ ही बेंच भी बनाई जाएंगी ताकि थकान होने पर लोग आराम कर सकें । डिवाइडर में आधुनिक स्ट्रीट लाइटें होंगी । विभिन्न प्रजातियों के फूलों के पेड़ लगाए जायेंगे। सैफई की माइनर को ढका जायेगा। सैफई की सभी सड़कों को आधुनिक तरीके से भव्यता प्रदान की जायेगी।

बताते चलें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री ने मास्टर प्लान तैयार नहीं होने पर घोर नाराजगी जतायी थी। इस मामले में लोक निर्माण विभाग के तीन इंजीनियरों को निलंबित भी कर दिया गया था। मुख्यमंत्री के तेवरों को देखते हुए आनन-फानन में सभी विभागों ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है ।

दूसरी ओर सैफई को विकास प्राधिकरण के तौर पर भी स्थापति करने की कवायत शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी नितिन बंसल ने बताया कि सैफई में विकास प्राधिकरण बनाने को लेकर कितने मकान हैंए कितनी इमारतें हैं वहां क्या आबादी है इस पर शासन को रिपोर्ट भेजी गयी है। पूरे मामले पर अंतिम फैसला शासन को ही लेना है। इस बाबत शासन के आवास विकास विभाग ने जिलाधिकारी नितिन बंसल से प्राधिकरण बनाये जाने को लेकर फैक्ट वेस रिपोर्ट मांगी है। जिलाधिकारी ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट मे अवगत करा दिया है।

बताते चलें कि सपा सरकार बनने के बाद वर्ष 2012 में तत्कालीन जिलाधिकारी पी गुरु प्रसाद ने इस मामले पर शासन को सैफई विकास प्राधिकरण बनाने के लिए रिपोर्ट भेजी थी परंतु तब यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अभी हाल ही में आवास विकास विभाग ने इस मामले पर एक पत्र भेज कर फिर रिपोर्ट मांगी है। जिसमें सैफई की प्राधिकरण बनाने को लेकर क्या स्थितियां हैं पर रिपोर्ट मांगी गई है। सैफई में प्राधिकरण बनाने के लिए किन.किन न्यूनतम आवश्यकताओं की जरूरत है इस पर भी डिटेल मांगी गई है।

माना जा रहा है कि विकास प्राधिकरण के लिए सैफई की आबादी पर्याप्त नहीं है। प्राधिकरण बनाने की अगर पहल होगी तो इसमें इटावा व जसवंतनगर को भी शामिल किया जा सकता है। बताते चले कि सैफई को वर्ल्ड क्लास सुविधाओ से सुसज्जित करने की कवायत के सीएम कई दफा अपने गांव मे होने वाले कार्यक्रमो के संबोधन मे इस बात को रख चुके है।