सैफई हवाई पट्टी वायुसेना के लड़ाकू विमानों की उड़ान के लिए देश मे सबसे मुफीद और सुरक्षित हवाई पट्टी मानी गई है। इसी कारण सैफई हवाई पट्टी पर गगन शक्ति 2018 का सफलतम युद्धाभ्यास संपन्न हुआ। इस युद्धाभ्यास में सैकड़ों की संख्या में युद्धक विमानों ने हिस्सेदारी की। पांच सौ के आसपास वायुसैनिकों, अधिकारियों की देखरेख में गगन शक्ति युद्धाभ्यास में शामिल हुए। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल (2003 -2007) में जब सैफई हवाई पट्टी के विस्तारीकरण का आदेश दिया था तो तब विपक्षी दलों ने उनकी आलोचना करते उनके फैसलोें पर तमाम सवाल खड़े किए थे। लेकिन आज भारतीय वायुसेना का कहना है कि सैफई हवाई पट्टी लड़ाकू विमानों के उड़ने-उतरने के लिए पूरी तरह सही और सुरक्षित है। वायुसेना के करीब आधा दर्जन से अधिक युद्धाभ्यास इस हवाई पट्टी पर हो चुके हैं लेकिन 14 से 22 अप्रैल तक हुए गनन शक्ति युद्धाभ्यास को सबसे अहम माना गया है जिसमें हरक्युलिस से लड़ाकू विमानों की सुरक्षित लैडिंग कराई जा चुकी है। वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि सैफई हवाई पट्टीसे रात में भी लड़ाकू युद्धक विमान उड़ृ-उतर सकते हैं।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर से करीब होने के कारण वायुसेना ने सैफई हवाई पट्टी को अपने अभ्यास के लिए पंसद किया है। वायुसेना के अफसरों का कहना है कि सैफई हवाई पट्टी का प्रयोग विपरीत परिस्थतियों में किया जाएगा। सुखोई विमानों ने बमों की फिलिंग के बाद बबीना के पास बम गिराकर अपना युद्धाभ्यास पूरा किया। बबीना के पास करीब सौ किलोमीटर के दायरे में हवाई बट स्थापित है जहां पर मिराज और सुखोई विमानों का अभ्यास होता रहता है। सैफई हवाई पट्टी पर पहली बार गगन शक्ति 2018 अभ्यास सत्र की शुरुआत विस्तृत रूप से की गई। 14 अपै्रल से शुरू हुए इस अभ्यास सत्र में जहां वायुसेना के जंगी जहाज शामिल हुए, वहीं पहली बार हरक्यूलिस सी-130 जे जैसे मालवाहक विमान को भी हवाई पट्टी पर उतारा गया। इसके साथ ही सेना ने हवाई पट्टी को आपात काल के लिए भी अपने हिसाब से तैयार कर लिया है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि ‘सैफई हवाई पट्टी को वायुसेना ने सबसे उपयोगी माना है। इससे एक बात साफ हो गई है कि मुलायम सिंह यादव का सैफई जैसे ग्रामीण इलाके में हवाई पट्टी का निर्माण देश के लिए उपयोगी साबित हो रहा है जबकि एक वक्त कुछ दलों ने इसके निर्माण पर सवाल उठाए थे।’
उम्मीद की जा रही है कि यात्री विमानों के साथ ही यहां विशेष वायुसेना शिविर समय-समय पर होगा। इस अभ्यास सत्र में जहां आपात काल के दौरान मिसाइल एक्टीवेशन की तकनीक पर विशेष जोर दिया गया, वहीं दूसरी ओर युद्ध की स्थिति में सैनिकों को सुरक्षित निकालने व रात के समय हवाई लैंडिंग कराने के भी अभ्यास को कुशलतापूर्वक पूरा किया गया।