केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार (19 अक्टूबर) को भी महिलाएं भगवान अयप्पा का दर्शन नहीं कर पाईं। इसीबीच मामले पर बयानबाजी भी जोरों पर है। त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व प्रमुख प्रयार गोपालकृष्णन ने विवाद को एक विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने मामले को लेकर सेक्स टूरिज्म जैसे शब्दों का प्रयोग किया। प्रयार गोपालकृष्णन ने मीडिया से कहा, ”यह विवाद एजेंडा के तहत है। पुलिस भी इसमें शामिल है… यह सेक्स टूरिज्म के लिए जगह नहीं है। यह भगवान अयप्पा का निवास स्थान है।” वहीं, सीपीआईएम नेता कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा, ”हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहते हैं। पहले कांग्रेस सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में थी लेकिन अब जब हम सत्ता में हैं तो वह इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।” उन्होंने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए बहुत से इंतजाम किए जाने थे लेकिन बीजेपी उसमें बाधा डाल रही है।”

बता दें कि शुक्रवार को समाजसेवी रेहाना फातिमा और हैदराबाद की पत्रकार कविता अपने चार सहयोगियों के साथ पुलिस के भारी सुरक्षा घेरे में मंदिर के लिए निकलीं लेकिन प्रवेश द्वार से ही उन्हें लौटना पड़ा। दोनों महिलाओं ने सुबह करीब 6.45 बजे लगभग 100 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे के साथ दो घंटे की चढ़ाई शुरू की थी। पुलिसकर्मियों की अगुवाई पुलिस महानिदेशक एस श्रीजीत ने की थी।

महिलाओं के मंदिर पहुंचने की खबर सुनने के बाद मंदिर के तंत्री के दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारी अपना अनुष्ठान छोड़कर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और सीढ़ियों के सामने बैठ गए। सभी भगवान अयप्पा के मंत्र जपने लगे। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर लेट गए। घंटे भर बाद श्रीजीत ने मीडिया से कहा कि उनकी मंदिर के तंत्री से बात हुई और उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर पंरपरा और विश्वास का कोई उल्लंघन किया गया तो वह मंदिर को बंद करने पर बाध्य हो जाएंगे।

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