Written by Pallavi Smart

Maharashtra: नासिक (Nasik) जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश पारित किया है जिसमें सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों को ‘शौचालय के साथ सेल्फी’ (selfie with toilet) प्रतियोगिता में भाग लेने और उनके सपनों के शौचालय (dream toilet) का स्केच बनाने के लिए कहा गया है जिसके बाद स्कूलों और शिक्षाविदों ने इस आदेश पर कई सवाल उठाते हुए गुस्सा जाहिर किया है। 

आदेश में क्या था 

नासिक (Nasik) के जिला शिक्षा अधिकारी ने 14 नवंबर को एक आदेश जारी कर स्कूलों को 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस मनाने का निर्देश दिया था जिसके लिए स्कूलों द्वारा विभिन्न गतिविधियों में शामिल होना था। आदेश में कहा गया है कि विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर ‘स्वच्छ शौचालय अभियान’ शुरू किया गया है।  जिसके तहत कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों के लिए ‘स्वच्छता और भूजल’ विषय पर प्रतियोगिताओं और गतिविधियों की व्यवस्था की जानी है। इस आदेश में शिक्षकों को भी स्वच्छ शोचालय को लेकर नारे बनाने की प्रतियोगिता में शामिल होने को कहा गया था। आदेश नासिक जिला परिषद (ZP) के शिक्षा अधिकारी बी डी कनौज द्वारा जारी किया गया था। 

स्कूलों और शिक्षाविदों ने उठाए सवाल 

हालांकि स्कूलों और शिक्षाविदों ने इस तरह की प्रतियोगिता के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया है। एक टीचर का कहना है कि यह आदेश बिना दिमाग लगाए जारी किया गया है। बच्चों को शौचालय के साथ सेल्फी लेने के लिए क्यों मजबूर कर रहे हैं? 

शिक्षकों ने कहा कि सरकार का ध्यान स्वच्छ और कार्यात्मक शौचालय बनाए जाने पर होना चाहिए। बजाय इसके कि छात्रों को उनके साथ सेल्फी लेने के लिए कहा जाए। एक शिक्षक ने यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन रिपोर्ट के तहत हाल के आंकड़ों की ओर इशारा किया। उन्होने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र के 65,639 सरकारी स्कूलों में से 64,581 में शौचालय हैं। इसके अलावा उनमें से केवल 62,038 में ही शौचालय ठीक तरह काम कर रहे हैं। 

शिक्षा निदेशक ने ने जानकारी से इंकार किया 

संपर्क करने पर शिक्षा निदेशक (प्राथमिक) शरद गोसावी ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी आदेश की जानकारी नहीं है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने विश्व शौचालय दिवस मनाने के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। यह एक स्थानीय पहल हो सकती है।