आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अर‍विंद केजरीवाल का दिल्‍ली का मुख्‍यमंत्री बने तीन साल से ज्‍यादा का वक्‍त हो चुका है। उनके अब तक के कार्यकाल में सिर्फ चाय और समोसों पर एक करोड़ रुपये से ज्‍यादा का खर्च हो चुका है। सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत यह जानकारी दी गई है। इसके अलावा मुख्‍यमंत्री बनने के बाद से अब तक उनकी यात्राओं पर तकरीबन 12 लाख रुपया खर्च हुआ है।

दिल्‍ली सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्‍यमंत्री कार्यालय में वर्ष 2015-16 में चाय-समोसों पर 23.12 लाख और 2016-17 के दौरान इस मद में कुल 46.54 लाख रुपये खर्च हुए थे। वित्‍त वर्ष 2017-18 में चाय-समोसों पर 33.36 लाख रुपये का खर्च आया था। आरटीआई से ही सीएम केजरीवाल द्वारा सचिवालय स्थित कार्यालय और रेजिडेंस कैंप ऑफिस में चाय और समोसों पर लाखों रुपये का खर्च करने की बात सामने आई है। हलद्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत सिंह गौणिया की अर्जी पर सिर्फ मुख्‍यमंत्री कार्यालय द्वारा चाय-समोसों पर एक करोड़ रुपये से ज्‍यादा खर्च करने की बात सामने आई है।

भूखे लोगों पर खर्च किया जाना चाहिए था यह पैसा: उत्‍तराखंड के आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत ने बताया कि चाय-समोसों पर खर्च होने वाले इन पैसों को बचाया जा सकता था। उन्‍होंने कहा, ‘यह ऐसा खर्च है जिसे बचाया जाना चाहिए था, ताकि इन पैसों को उनलोगों पर खर्च करना चाहिए था जो एक वक्‍त के खाने का खर्च उठाने में भी समर्थ नहीं हैं। मुझे उम्‍मीद है कि सरकार व्‍यापक हित के लिए ऐसे खर्चों में कटौती करेगी।’ बता दें कि मुख्‍यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल भगवान दास रोड पर स्थित बंगले में शिफ्ट हुए थे। इसमें दो डुप्‍लेक्‍स अपार्टमेंट हैं। एक में वह परिवार समेत रहते हैं, जबकि दूसरे का इस्‍तेमाल कैंप ऑफिस के तौर पर किया जाता है।

16 हजार रुपये की पड़ोसी थी एक थाली: सीएम केजरीवाल पर खाने-पीने पर खर्च को लेकर पहली बार सवाल नहीं उठे हैं। इससे पहले AAP सरकार के एकसाल पूरा करने के मौके पर आयोजित समारोह में 16 हजार रुपये की एक थाली पड़ोसी गई थी। इस पर बवाल मचने के बाद दिल्‍ली सरकार ने इसका भुगतान रोकने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि उपराज्‍यपाल चाहें तो इसकी जांच करा सकते हैं।