‘भारत माता की जय’ नारे को लेकर छिड़ी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार (28 मार्च) को यहां कहा कि यह नारा किसी पर थोपने की आवश्यकता नहीं है बल्कि हमें ऐसा भारत बनाना है कि लोग ‘स्वत:’ ‘‘भारत माता की जय’’ कहें। भागवत ने यहां भारतीय किसान संघ के नवनिर्मित कार्यालय भवन का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘ हमें ऐसा श्रेष्ठ भारत खड़ा करना है कि लोग ‘‘भारत माता की जय’’ स्वत: कहें… थोंपना नहीं है।’’
यह कहते हुए कि दुनिया ने भगवान को मान कर देख लिया, इंकार करके देख लिया .. दूसरा रास्ता मिले तो कहां से मिले, भागवत ने कहा, ‘‘हमें अपने जीवन से सारे विश्व के मानव को दिशा देनी है .. किसी को जीतना नहीं है .. अपनी पद्धति अपना विचार किसी पर थोपना नहीं है .. अपने हैं इसलिए सिखाना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संपूर्ण दुनिया को रास्ता दिखाना है .. ऐसा भारतवर्ष बनाना है कि सारी दुनिया में इसके कारण भारत माता की जय हो कहे… थोपना नहीं है।’’ सरसंघचालक ने कहा कि समाज को उस लायक बनाने के लिए श्रेष्ठ भारत खडा करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को देश भर में खड़ा करना संघ का लक्ष्य हैं।
उन्होंने कहा कि किसान हो या किसी अन्य माध्यम से अपना जीवन यापन करने वाले लोग, सभी किसी न किसी रूप में समाज के लिए कुछ न कुछ करते हैं। ‘‘कम से कम में अधिक से अधिक कमाना यह कौशल हो सकता है .. आदर्श नहीं। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम जितना खायेंगे उससे ज्यादा काम करेंगे .. समाज को उससे ज्यादा देंगे।’’
भागवत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को भारतीय संस्कृति और दर्शन का मूल तत्व बताते हुए कहा कि हमें सारी दुनिया के सामने जीवन का उदाहरण प्रस्तुत करना है।

